, शिवपुरी जिले के कौरा तहसील क्षेत्र के ग्राम दिदावली में 50 महिला ने मंगलवार को डीएम कार्यालय पहुँचकर अपनी समस्याओं को साझा किया। महिला ने बताया कि वह पिछले 25 वर्षों से इस गांव में निवास कर रही है और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें आवास का स्वीकृति पत्र भी मिला था।

महिलाओं ने कहा कि उन्हें शासन द्वारा मिले आवास निर्माण की अनुमति के बावजूद, वन विभाग द्वारा स्थानीय आदिवासियों को परेशान किया जा रहा है। उनका आरोप है कि वन विभाग के अधिकारी उनके झोपड़ों में आग लगाने की धमकी दे रहे हैं, जिससे वे भयभीत हैं।

महिला ने आगे कहा, "हम आदिवासी लोग वर्षों से इस गांव में निवास कर रहे हैं और हमें आवास की आवश्यकता है। मगर, वन विभाग की टीम हमें वहाँ से भगा देने के लिए धमका रही है। हमारे पास रहने के लिए और कोई जगह नहीं है।"

उन्होंने डीएम से अनुरोध किया कि वे उनकी समस्याओं को सुनें और वन विभाग को उचित निर्देश दें ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और उन्हें अपने अधिकारों की सुरक्षा मिले।

शिवपुरी की प्रशासनिक दिक्कतों और आदिवासी लोगों की शिकायतों को सुनकर, डीएम ने आश्वासन दिया कि प्रशासन इस मामले में उचित कार्रवाई करेगा और उन्हें न्याय दिलाने का प्रयास करेगा।

अनुराग तिवारी रेंजर करेरा 
 अनुराग तिवारी इंचार्ज करेरा ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीण गांव में निवास करते है, लेकिन वह जबरन वन भूमि पर आवास बनाना चाहते हैं। 


इस मुद्दे को लेकर अब देखना यह है कि प्रशासन किस प्रकार से सूचनाओं पर कार्रवाई करता है और आदिवासी समुदाय को उनके अधिकार दिलाने में सफल होता है या नहीं।


शिवपुरी जिले के खनियाधाना तहसील के ग्राम गड़ाकोटा में केंद्र सरकार द्वारा गरीबों को मुफ्त में अनाज वितरण की योजना चलाई जा रही है, लेकिन इस योजना के सही क्रियान्वयन में बाधाएं आ रही हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि राशन वितरण में नियुक्त सेल्समैन, शिवराज सिंह यादव, द्वारा आदिवासी लोगों का अनाज खुद ही खा लिया जा रहा है।

ग्राम गड़ाकोटा के निवासी भगवान सिंह आदिवासी ने बताया कि यहां लगभग 100 से 200 लोग हैं, जिन्हें राशन नहीं मिल रहा है। ग्रामीणों ने शिवपुरी के डीएम कार्यालय में जाकर मंगलवार को जनसुनवाई में अपनी समस्याएं उठाई। उनका कहना है कि केंद्र सरकार प्रति पर व्यक्ति माह 5 किलो मुफ्त अनाज मुहैया कराती है, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) का हिस्सा है।

ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि जब वे राशन लेने जाते हैं, तो बायोमेट्रिक मशीन से उनकी अंगूठी लगवाने के बाद उन्हें राशन नहीं दिया जाता। इस स्थिति के चलते गरीबों को राशन का संकट झेलना पड़ रहा है, जो उन्हें जीविका की दिशा में बड़ा झटका है। ग्रामीणों ने समस्या के समाधान के लिए प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है।

जगदीश लोधी फूड इंस्पेक्टर 

इस संबंध में हमारे द्वारा फूड इंस्पेक्टर से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि अगर शिकायत की गई है तो हम जांच करवा लेंगे।।


शिवपुरी जिले के बामोर कला थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले हसर्रा गाँव की एक विधवा महिला ने अपने जेठ और जेठानी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला ने बताया कि उसे और उसके बेटे को उसके जेठ ने बेरहमी से पीटा और जान से मारने की धमकी दी।

महिला, जो अपने पति स्वर्गीय मुकेश लोधी की पत्नी है, ने पुलिस में दी गई शिकायत में कहा कि वह अपने खेत में पानी देने के लिए मोटर चला रही थी, तभी उसका जेठ वीरसिंह और जेठानी केशरवाई वहाँ आए और उसे गालियाँ देना शुरू कर दिया। महिला के अनुसार, जब उसने इसका विरोध किया, तो जेठ ने उसे लाठी से मारा, जिससे उसके सिर से खून बहने लगा।

इसके अलावा, जेठानी ने भी उसे पीटा, और जब उसका बेटा राजशेखर उसे बचाने आया, तो उसे भी जेठ ने मारा। महिला की शिकायत के अनुसार, यह घटना तब हुई जब उसकी बारी थी खेत में पानी देने की, और धीरे-धीरे बात इतनी बिगड़ गई कि उसे अपने जीवन के लिए खतरा महसूस होने लगा।

महिला ने कहा कि उसने इस घटना की रिपोर्ट थाना बामोरकला में दर्ज कराई थी, लेकिन अभी तक जेठ और जेठानी के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। उसने सहायता की गुहार लगाई है।

महिला ने शिवपुरी के कलेक्ट कार्यालय पर पहुंचकर मंगलवार को जब थाने में परसों भाई नहीं हुई तो उसने DM से इस मामले में मदद की गुजर लगाई है, महिला ने एक आवेदन शिवपुरी SP को भी सोपा है।


थाना प्रभारी अंशुल गुप्ता 
बामोर कला थाना प्रभारी अंशुल गुप्ता से जब इस संबंध में हमारे द्वारा बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि इनके द्वारा भी बच्ची के साथ मारपीट की गई है दोनों तरफ से क्रॉस केस दर्ज किया गया है।


शिवपुरी जिले के पिछोर थाना क्षेत्र में एक पिता ने अपनी नाबालिग बेटी की गुमशुदगी के मामले में गंभीर आरोप लगाते हुए जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से मदद की गुहार लगाई है। पिता, जगदीश केवट, ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी आ 0 केवट को राममिलन केवट ने मोटरसाइकिल पर बैठाकर ले गया।

जगदीश केवट ने बताया कि 22 फरवरी 2025 को उनकी नाबालिग पुत्री और पत्नी घर पर थीं, तभी राममिलन और उसके पिता राजू केवट उनके घर पहुंचे और आरती को बहलाकर अपने साथ ले गए। इस घटना की गवाह उनकी पत्नी भी हैं। जगदीश ने यह भी बताया कि आरोपी ने उनसे जेवरात और नगद 15-20 हजार रुपये भी लिए हैं।

जगदीश ने पिछोर थाने में शिकायत दर्ज कराने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत नहीं ली। उन्होंने दो बार शिकायती पत्र देने की कोशिश की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस नाकामी के बाद जगदीश ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर न्याय की मांग की।

जगदीश ने प्रशासन से अपील की है कि वे राममिलन केवट और उसके पिता के खिलाफ उचित कार्रवाई करें, ताकि उनकी बेटी सुरक्षित घर लौट सके। जगदीश को डर है कि आरोपी उनकी नाबालिग पुत्री को बेच सकते हैं या उसकी हत्या कर सकते हैं।

इस संबंध में पिछोर थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह मावई ने बताया कि लड़की झांसी में अपने जीजा के यहां से गायब हुई थी और जब थाने लाई गई, तो बच्ची ने बताया कि कोई घटना नहीं हुई थी। उन्होंने यह भी कहा कि फरियादी पिछोर क्षेत्र के निवासी हैं और उनकी बेटी झांसी में अपने जीजा के पास रह रही थी।


करैरा: थाना करैरा पुलिस ने अवैध मदिरा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 07 पेटी देशी प्लेन मदिरा और एक हीरो डिलेक्स मोटर सायकिल को जप्त किया है, जिसकी कुलमती 86,000 रुपये है। इस कार्रवाई के दौरान आरोपी सूर्यप्रताप सिंह उर्फ भोलू राजा, उम्र 25 वर्ष, निवासी ग्राम दिदावली को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ के निर्देश पर जिले में अवैध मादक पदार्थ, जुआ-सट्टा, अवैध हथियार, अवैध खनन परिवहन, और अवैध शराब की धरपकड़ के लिए जीरो टालरेन्स नीति अपनाई जा रही है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए, अति. पुलिस अधीक्षक संजीव मुले और एस.डी.ओ.पी. शिवनारायण मुकाती के मार्गदर्शन में करैरा पुलिस ने यह कार्रवाई की।

पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि भोलू परमार एक मोटर सायकिल पर अवैध शराब लेकर ग्राम हाजीनगर पर खड़ा है। सूचना के आधार पर पुलिस ने तस्दीक हेतु उक्त स्थान पर पहुंचकर देखा कि एक व्यक्ति मोटर सायकिल पर बैठा हुआ है और जैसे ही पुलिस उसकी ओर बढ़ी, उसने भागने की कोशिश की, जिसे पुलिस ने घेराबंदी कर पकड़ लिया।

गिरफ्तार आरोपी ने अपने पास कोई वैध लाइसेंस नहीं होना बताया। उसके खिलाफ थाना करैरा में धारा 34(2) आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

इस कार्रवाई को सफल बनाने के लिए थाना प्रभारी निरीक्षक विनोद छावई, सउनि चरन सिंह, आर हरेन्द्र गुर्जर, आर राधेश्याम जादौन, आर सुरेन्द्र रावत, और आर मलखान गुर्जर का योगदान रहा।



शिवपुरी। राजनीति भी अजब उलटबांसी का खेल है। किस तरह से ऊपर चढ़ाकर मात दी जा सकती है यह सिर्फ राजनीति में ही संभव है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांगे्रस आलाकमान ने दिसम्बर में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरमेन नियुक्त किया है।

यह नियुक्ति काफी अहम  मानी जाती है, लेकिन इस नियुक्ति के सहारे पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़़ से बाहर कर दिया गया है। हालांकि प्रदेश सरकार में कमलनाथ खेमे के मंत्री सुखदेव पांसे का कहना है कि महराष्ट्र चुनाव के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरमेन बनने से सिंधिया प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर नहीं माने जा सकते, लेकिन जानकारों का कहना है कि स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरमेन बनने के बाद सिंधिया तीन माह तक प्रदेश की राजनीति से दूर रहेंगे।

ऐसे में प्रदेश कांग्रेस संगठन का कामकाज प्रभावित होना स्वाभाविक है। इसलिए यह तय है कि सिंधिया अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बनेंगे। जिस दिन सिंधिया को महाराष्ट्र चुनाव के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरमेन बनाया गया। उस दिन मुख्यमंत्री कमलनाथ भी भोपाल में थे और यह माना जा रहा है कि इस बार भी सिंधिया कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की चाणक्य जोड़ी का शिकार बने हैं। सिंधिया समर्थक सिंधिया को स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरमेन बनाए जाने के फैसले से नाखुश हैं।

प्रदेश की राजनीति में मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया बड़े नेताओं  में माने जाते हैं।  लेकिन प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद सिंधिया कांग्रेस में लगातार हांशिए पर है। प्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनाने में ज्योतिरादित्य सिंधिया की अहम भूमिका रही।

चुनाव अभियान समिति के चेयरमेन के रूप में उन्होंने प्रदेश में कांग्रेस सरकार को जिताने के लिए जीतोड़ मेहनत की। आशा थी कि सत्ता में आने के बाद सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, क्योंकि  अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी कमलनाथ संभाले हुए थे। चुनाव में कांग्रेस स्पष्ट बहुमत से बालिश्त भर पीछे रह गई।

कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने सपा, बसपा और कुछ निर्दलीय विधायकों को जोड़कर किसी तरह बहुमत प्राप्त कर लिया। मुख्यमंत्री पद चुनने की नौबत आई तो स्पष्ट रूप से कमलनाथ और सिंधिया दो दावेदार थे और दोनों दावेदारों की राहुल दरबार में पेशी हुई। जहां तय किया गया कि न केवल मुख्यमंत्री कमलनाथ रहेंगे बल्कि लोकसभा चुनाव नजदीक हैं इसलिए प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी उन पर पूर्व की तरह बनी रहेगी।

सिंधिया को  भरोसा दिलाया गया कि केंद्र में सत्ता आने पर उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्दू ने तो बयान दिया था कि केंद्र में राहुल गांधी के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया नम्बर 2 रहेंगे, लेकिन लोकसभा चुनाव में न केवल कांंग्रेस  बुरी तरह पराजित हुई बल्कि सिंधिया स्वयं चुनाव हार गए।

इसके बाद ही कांग्रेस राजनीति में उनके विरोधियों के हौंसले बुलंद हो गए। शासन और प्रशासन पर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का दबदबा लगातार बढ़ता गया। सिंधिया की इच्छा के विपरीत प्रदेश में नियुक्तियां की गईं। राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में सिंधिया और अधिक कमजोर हो गए।

इसके बाद सिंधिया ने धारा 370 के मुद्दे पर पार्टी लाइन के विपरीत बयान देकर नरेंद्र मोदी का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन किया। इससे भी उनकी स्थिति कमजोर हुई। पार्टी अध्यक्ष पद चुनने के बाद जब चली तो पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने युवा कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग की।

मिलिंद देवड़ा ने तो स्पष्ट रूप से कहा कि सिंधिया या सचिन पायलट को यह अहम जिम्मेदारी दी जाए। त्रिपुरा कांग्रेस कमेटी ने तो एआईसीसी की बैठक में सिंधिया को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा, लेकिन प्रदेश कांग्रेस के किसी भी नेता ने सिंधिया के नाम की पैरवी नहीं की। राजनैतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि एक सोची समझी रणनीति के तहत सिंधिया के कद का लगातार अवमूल्यन करने का प्रयास चल रहा है।

प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ और दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवद्र्धन सिंह युवा है तथा जब भी किसी युवा को जिम्मेदारी मिलने की बात होगी तो सिंधिया के मुकाबले दोनों कमतर माने जाएंगे। इसलिए ङ्क्षसंधिया को प्रदेश की राजनीति से बाहर करने का एक तरह से पार्टी के भीतर ही सुनिश्चित रूप से षडय़ंत्र चल रहा है। इस समय प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष पद नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया पार्टी कार्यकर्ताओं विधायकों और मंत्रियों आदि से चर्चा कर चुके हैं तथा उन्होंने बयान भी दिया है कि प्रदेशाध्यक्ष पद की दौड़ में पहले 10-12 नाम थे, लेकिन अब महज 3 या 4 नाम रह गए हैं इनमें सिंधिया का नाम भी है, लेकिन इसके बाद अचानक सिंधिया को महाराष्ट्र चुनाव के लिए स्क्र्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त  कर दिया गया और यह माना जा रहा है कि यह नियुक्ति उन्हें प्रदेशाध्यक्ष पद की ताजपोशी से रोकने के लिए है। इसलिए सिंधिया समर्थक इस नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं।

इंदौर, 22 अगस्त (भाषा) मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने सूबे की कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार की स्थिरता पर गुरुवार को सवालिया निशान लगाया। उन्होंने कहा कि "एक बीमार संतान कितने लंबे समय तक जी सकेगी।" भार्गव ने यहां संवाददाताओं से कहा, "कांग्रेस के कई नेता कमलनाथ सरकार के कामकाज को लेकर असहमति व्यक्त करते हुए इस सरकार को चेता चुके हैं। लेकिन मुझे दुख है कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्री जिस तरह की मौज-मस्ती की राजनीति कर रहे हैं, उससे मैं मानकर चलता हूं कि इनकी सरकार अल्पकालीन है।" वरिष्ठ भाजपा नेता ने कमलनाथ सरकार के भविष्य को लेकर प्रश्न दागते हुए कहा, "एक बीमार सन्तान कितने लंबे समय तक जी सकेगी? कांग्रेस ने बसपा और सपा के विधायकों और चंद निर्दलीय विधायकों को इधर-उधर से जमा कर प्रदेश में सरकार बनायी है। ये लोग कितने समय तक सरकार का साथ देंगे?" उन्होंने कहा, "जिस दिन कमलनाथ मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, उसी दिन मालूम पड़ जायेगा कि कितने लोग सूबे की कांग्रेस सरकार के साथ हैं।" भाजपा के दो विधायकों-नारायण त्रिपाठी और शरद कोल द्वारा एक विधेयक को लेकर कमलनाथ सरकार का समर्थन कर अपनी पार्टी को झटका देने के बारे में पूछे जाने पर भार्गव ने कहा, "त्रिपाठी और कोल अब भी भाजपा के सदस्य हैं और आगे भी रहेंगे।" शिवपुरी जिले के पिछोर क्षेत्र के कांग्रेस विधायक केपी सिंह द्वारा पार्टी के आला नेताओं और कमलनाथ सरकार के विरुद्ध बयानबाजी पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा, "प्रदेश में भ्रष्टाचार तथा प्रशासनिक अराजकता को लेकर सिंह के कहे गये शब्द जनता के मन की बात है। उनकी आवाज एक वरिष्ठ कांग्रेसी की दर्द भरी आवाज है। कमलनाथ सरकार को सिंह जैसे मंजे हुए नेता की बात सुननी चाहिये।" भार्गव ने कहा कि उन्हें आशंका है कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार की "लोकप्रियता" से घबरायी कमलनाथ सरकार नगरीय निकायों के आगामी चुनाव अनिश्चितकाल के लिये टालना चाहती है और महापौरों व नगर पालिका अध्यक्षों का निर्वाचन अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराना चाहती है। उन्होंने कहा, "हमारी मांग है कि नगरीय निकायों के चुनाव तय समय पर ही कराये जायें। इसके साथ ही, महापौरों व नगर पालिका अध्यक्षों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से ही कराये जायें, ताकि इन पदों पर निर्वाचन में जन प्रतिनिधियों की खरीद-फरोख्त की कोई गुंजाइश नहीं रहे।"

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