Union Budget 2019-20 LIVE: मोदी सरकार का अंतरिम बजट, जानिए मध्यप्रदेश की झोली में क्या मिला
एक फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट को इस बार वित्त मंत्री अरुण जेटली की जगह रेल मंत्री पीयूष गोयल पेश कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले पेश हो रहे इस बजट में मध्यप्रदेश के हर वर्ग की उम्मीदें लग गई हैं। जेटली इलाज के लिए विदेश में हैं, इसलिए रेल मंत्री गोयल को वित्त एवं कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
भोपाल के संतोष नायडू का मानना है कि मोदी सरकार आयकर की सीमा बढ़ाए तो अच्छी बात है, इसके अलावा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी के लिए भी कोई पुख्ता इंतजाम होना चाहिए।
भोपाल के राहुल ठाकुर कहते हैं कि केंद्र सरकार के बजट से हर वर्ग को काफी उम्मीदें हैं। बजट में टैक्स स्लैब को और बढ़ाना चाहिए। मध्यप्रदेश में तीसरी लाइन का काम तेज गति से होना चाहिए और तेज रफ्तार वाली ट्रेनें बढ़ाना चाहिए।
भोपाल के व्यापारी यह भी चाहते हैं कि उन्हें जीएसटी में राहत मिलना चाहिए। बजट में व्यापारियों के लिए बीमा योजना का लाभ देने के भी प्रावधान होना चाहिए।
www.Manthannews.inआपको बता रहा है कि अंतरिम बजट क्या है और यह कैसे पूर्ण बजट से अलग है।
जब केंद्र सरकार के पास पूर्ण बजट पेश करने के लिए समय नहीं बचता है तब वो सरकार अंतरिम बजट पेश करती है। केंद्र की मोदी सरकार भी अंतरिम बजट पेश कर रही है। यह पूरे साल की बजाय कुछ माह के लिए होता है। हालांकि, सरकार अंतरिम बजट ही पेश करे इसकी बाध्यता नहीं रहती है, लेकिन परंपरा ही है कि इसे अगली सरकार पर छोड़ा जाता है। जब नई सरकार आती है तो वो पूर्ण बजट (आम बजट) पेश करती है।
दोनों ही बजट में सरकारी खर्चों के लिए संसद से मंजूरी लेना पड़ती है, लेकिन अंतरिम बजट आम बजट से अलग रहता है। अंतरिम बजट में सामान्यतः सरकार कोई नीतिगत फैसला नहीं करती। हालांकि, कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं रहती है। चुनाव के बाद गठित सरकार ही नीतिगत फैसले लेती है और नई योजनाओं की घोषणा करती है।
जब केंद्र सरकार कुछ महिने के लिए संसद से जरूरी खर्च के लिए अनुमति मांगती है, तो वे अंतरिम बजट की बजाय वोट ऑन अकाउंट (लेखानुदान)पेश कर सकती है। अंतरिम बजट और वोट ऑन अकाउंट दोनों ही कुछ ही माह के लिए होते हैं, लेकिन दोनों के प्रस्तुतिकरण में अंतर है। अंतरिम बजट में केंद्र सरकार खर्च के अलावा राजस्व का भी ब्यौरा देती है, जबकि लेखानुदान में सिर्फ खर्च के लिए संसद से मंजूरी मांगी जाती है।
मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले किसानों और आम जनता को चार बड़े तोहफे दे सकती है।
-खबरों के मुताबिक किसानों के खातों में सीधे फंड ट्रांसफर की स्कीम को हरी झंडी मिल सकती है।
-किसानों को ब्याजमुक्त ऋण की योजना का ऐलान संभव।
-मध्यम वर्ग को आयकर में राहत मिल सकती है।
-खबरों के मुताबिक आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए तक किया जा सकता है। फिलहाल यह सीमा 2.5 लाख है।