मध्यप्रदेश में देव मुरारी बाबू ने सरकार के आश्वासन के बाद मरने का इरादा छोड़ा
भोपाल. मध्यप्रदेश में एक से बढ़कर एक बाबा हैं। सियासी गलियारों में इनकी दखलअंदाजी भी खूब है। कुर्सी के लिए रविवार को देव मुरारी बापू नाम के बाबा ने सोमवार को सीएम कमलनाथ के आवास के बाहर खुदकुशी करने का ऐलान किया था। बाबा की धमकी के आगे कमलनाथ की सरकार ने सरेंडर कर दिया है। सरकार बाबा को मलाई देने का वादा किया तो बाबा ने मरने का इरादा छोड़ दिया है।
दरअसल, रविवार के दिन मीडिया के सामने कथावाचक देव मुरारी बापू प्रकट हुए। प्रकट होकर देव मुरारी बापू ने कहा कि हमने चुनावों के दौरान कांग्रेस के लिए काम किया था। लेकिन सरकार से मुझे इनाम नहीं मिला। सरकार मुझे गौ संवर्धन बोर्ड का अध्यक्ष बनाए। कमलनाथ जी से मिलकर मैंने 15 अगस्त तक का अल्टीमेटम भी दिया था। लेकिन उन्होंने पीसी शर्मा के हवाले मामला कर दिया। उसके बाद मैं खुदकुशी का फैसला लिया हूं।
बाबा ने छोड़ दिया इरादा
कथावाचक देव मुरारी बापू सोमवार को मीडिया के सामने आकर कहा कि कमलनाथ जी ने हमारी मांग को स्वीकार कर लिया है। गौ संवर्धन बोर्ड अभी राज्य में गठित नहीं है, इसलिए हमें दूसरे किसी जगह पर मान-सम्मान देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि सीएम के प्रतिनिधि के रूप में मंत्री पीसी शर्मा ने आकर हमसे मुलाकात की। उन्होंने जल्द ही कहीं सम्मानजनक पद देने का आश्वासन दिया है।
बॉडीगार्ड भी मिले
बाबा के बारगेनिंग के आगे मध्यप्रदेश की सरकार पूरी तरह से झुक गई है। बाबा ने सुरक्षा की मांग भी सरकार से की थी। मरने का इरादा छोड़ने वाले देव मुरारी बापू ने कहा कि मुझे सुरक्षा प्रदान कर दी गई है। ऐसे में अगर सरकार ने मेरे मान-सम्मान का ख्याल रखा है तो मैं भी सरकार के मान-सम्मान का ख्याल रखूंगा। इसीलिए हमने अब अपने कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है।
मिर्ची बाबा ने भी किया था नौटंकी
लोकसभा चुनावों के दौरान मिर्ची बाबा ने भी ऐसे ही नौटंकी किया था। उन्होंने कहा था कि मैं दिग्विजय सिंह के चुनाव हारने के बाद जल समाधि ले लूंगा। उनके चुनाव हारने के बाद बाबा गायब हो गए थे। फिर जब वापस लौटे तो खुदकुशी करने का नौटंकी करने लगे। बाद में बाबा भोपाल में नाटक कर राजनीतिक सीन से गायब हो गए। लेकिन इस दौरान मिर्ची बाबा ने चर्चा खूब बटोरी।
कंप्यूटर बाबा को भी मिला है इनाम
नर्मदा न्यास बोर्ड के अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा को भी कमलनाथ की सरकार ने इनाम दिया है। बाबा ने भी चुनावों के दौरान कांग्रेस के लिए प्रचार किया था। बाबा ने पद संभालने के बाद कांग्रेस की सरकार से और भी डिमांड की थी। लेकिन अभी वो डिमांड पूरी नहीं हुई है। लेकिन कंप्यूटर बाबा ने छाए जरूर रहते हैं और मध्यप्रदेश की सरकार के समक्ष अपनी ख्वाहिशें जाहिर करते रहते हैं।
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