घर-घर जाकर ढूंढने पड़ रहे हितग्राही, फिर भी लक्ष्य अधूरा, यहां पढ़ें बिजली बिल माफी योजना का हाल

सिंगरौली। शायद ऐसा पहली बार हो रहा है, जब बिल माफी व मासिक दो सौ रुपए बिजली बिल योजना का लाभ देने के लिए पात्र लोगों की तलाश में सरकारी अमले को गली-गली व गांव-गांव जाना पड़ रहा हो। इन दिनों मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र बिजली कंपनी के समूचे अमले के साथ यही हो रहा है। बीपीएल का बकाया बिजली बिल माफ करने तथा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का बिल माफी के साथ ही मात्र दो सौरुपए मासिक बिजली बिल तय करने जैसी बड़ी योजना पिछले माह से शुरू हुई और इस पूरे माह तक चलने का अनुमान है।


इस दौरान बिजली कंपनी के जिले में पदस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों को ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 58 हजार बीपीएल व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की तलाश कर उनका इन योजनाओं का लाभ देने के लिए पंजीयन करना है मगर लगभग 20 दिन की भागदौड़ के बावजूद अब तक ग्रामीण क्षेत्र में लक्ष्य के अनुसार वांछित संख्या में बीपीएल व श्रमिकों का पंजीयन नहीं हो पाया। इसलिए चालू माह के शेष दिनों में जिले में ग्रामीण क्षेत्र के बिजली कंपनी अधिकारियों व कर्मचारियों को और तेजी से दौड़ लगानी पड़ रही है।


ये है मामला
शासन के निर्देश के तहत जिले के ग्रामीण क्षेत्र के बीपीएल व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का लगभग 58 हजार की संख्या में पंजीयन किया जाना तय किया गया है। इन पंजीकृत होने वाले बीपीएल परिवारों का अब तक का पूरा बकाया बिजली का बिल माफ किया जाएगा। इसी प्रकार असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को भी बिल माफी का लाभ देते हुए उनके घर का हर माह का बिजली का बिल मात्र दो सौरुपए तक किया जाना है। इन श्रमिकों को जुलाई माह के लिए जारी होने वाले बिल में ही मात्र दो सौरुपए प्रति माह का लाभ दिया जाना है। इसके लिए ही जिले में गांवों या दूरदराज के छोटे टोलों में बसे बीपीएल तथा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का दोनों योजनाओं के लाभ देने के लिए पूर्व पंजीयन किया जा रहा है।


पंजीयन के काम की लगातार निगरानी
इसके तहत ही बिजली कंपनी ग्रामीण के जिला मुख्यालय पर पदस्थ कार्यपालन यंत्री के स्तर पर पंजीयन के काम की लगातार निगरानी हो रही है जबकि सहायक यंत्री सहित गांवों के सातों वितरण केन्द्रों में पदस्थ जेई व अन्य कर्मचारियों की ओर से अपने अधीनस्थ क्षेत्र में रोज शिविर लगाए जा रहे हैं ताकि इस माह के अंत तक शासन की मंशा के अनुसार 58 हजार या इसके आसपास संख्या में बीपीएल परिवारों व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का पंजीयन किया जा सके। इसके बावजूद अब तक पूरे ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 32 हजार ही पात्रलोगोंं का पंजीयन हो पाया है तथा २६ हजार की बड़ी संख्या में और बीपीएल परिवारों व असंगठित श्रमिकों का पंजीयन किया जाना शेष है। यह काम इस माह के अंत तक पूरा किया जाना है और इसके लिए अब काफी कम कार्यदिवस बचे हैं। इसलिए देरी से बचने के लिए सभी बिजली कर्मियों पर अधिकाधिक पंजीयन के लिए मुख्यालय का लगातार दवाब बना हुआ है।


किसी न किसी दस्तावेज की कमी
बताया गया कि जिले में रजमिलान, सरई, चितरंगी, देवसर, माड़ा सहित सातों वितरण केन्द्रों में पदस्थ जेई व अन्य कर्मियों की ओर से इस काम के लिए हर दिन अपने-अपने अधीनस्थ क्षेत्र के गांवों में शिविर लगाए जा रहे हैं। इन शिविरों में कागजात के सत्यापन के बाद हर बीपीएल परिवार व असंगठित श्रमिक के पंजीयन का काम किया जा रहा है। इसके बावजूद गांवों में दोनों श्रेणी के लोगों के पास किसी न किसी दस्तावेज की कमी, कागज अधूरा या अस्पष्ट होने के कारण काफी लोगों के पंजीयन में बाधा रहती है। ऐसे परिवारों के दस्तावेजों की कमी शीघ्र पूरी करने के लिए बिजली कर्मियों को भी ग्रामीणों के साथ भागदौड़ करनी पड़ रही है।इन कारणों से ही अब तक वांछित संख्या में बीपीएल परिवारों व असंगठित श्रमिकों का पंजीयन नहीं हो पाया है।


पंचायतों में रखवाए आवेदन फॉर्म
बिजली कंपनी ग्रामीण वृत्त के कार्यपालन यंत्री एमएस चंदेल ने बताया कि बिल माफी व मासिक दो सौ रुपए मासिक बिल के लिए पात्र हर बीपीएल परिवार व असंगठित श्रमिक का पंजीयन करने का प्रयास जारी है। इसके लिए पंचायत स्तर पर भी आवेदन फार्म रखवाए गए हैं ताकि पात्र व्यक्ति पंचायत से आवेदन लेकर उसे अपने क्षेत्र के वितरण केन्द्र में जमा करवा सके और उसका पंजीयन हो सके। ग्राम पंचायतों से भी इस काम में बिजली कर्मियों को सहयोग मिल रहा है। इसी आधार पर चंदेल ने लक्ष्य के अनुसार बिल माफी व दो सौ रुपए बिल योजना का लाभ देने के लिए पात्र व्यक्तियों का वांछित संख्या में चालू माह के अंत तक पंजीयन कर लिए जाने की उम्मीद जताई है।