मंथन न्यूज़ भोपाल -ऐसे कर्मचारी जिनका अब तक यूनिवर्सल एकाउंट नंबर (यूएएन) नहीं बन पाया अब उनकी भविष्य निधि की राशि जमा नहीं हो पाएगी। कर्मचारी के खाते में उसकी और नियोक्ता के हिस्से की भविष्य निधि यथावत जमा होती रहे इसके लिए पहले यूएएन बनवाना पड़ेगा। पीएफ महकमे में इलेक्ट्रॉनिक चालान रिटर्न पोर्टल की व्यवस्था बंद होने के बाद यह बड़ा परिवर्तन हुआ है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कमिश्नर अश्विनी कुमार गुप्ता का कहना है कि ऐसे कर्मचारियों की संख्या काफी है जिनका यूनिवर्सल एकाउंट नंबर अब तक जनरेट नहीं हो पाया। उन्होंने बताया कि ऐसे कर्मचारियों की अंशनिधि उनके खाते में जमा नहीं हो पाएगी।
उन्होंने बताया कि विभाग ने राजधानी सहित अन्य सभी जिलों में कार्यरत कर्मचारियों के यूएएन नंबर एक्टीवेट करने के लिए विशेष मुहिम चलाकर नियोक्ताओं को समझाइश भी दी थी। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के आधार कार्ड, बैंक एकाउंट नंबर और मोबाइल नंबर (केवायसी) आदि संबंधी दस्तावेज के जरिए यूएएन एक्टीवेट करना नियोक्ता की जवाबदारी है।
नियोक्ता पर लगेगी पेनाल्टी
यूएएन न होने की स्थिति में पीएफ की अंशनिधि अनियमित पाए जाने पर नियोक्ता के ऊपर पेनाल्टी लगाने के प्रावधान है। हर महीने की 15 तारीख तक पीएफ की राशि जमा होती है। इसके बाद जितने दिन का अंतराल पाया जाता है उसके हिसाब से जुर्माना राशि लगती है। उल्लेखनीय है कि हर ऐसे संस्थान जहां 20 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं उनका पीएफ काटना अनिवार्य है। यह नियोक्ता पर भी निर्भर है कि 20 से कम कर्मचारी होने पर भी वह स्वेच्छा से उनका पीएफ जमा कराए।
पांच लाख 80 हजार हैं यूएएन
कमिश्नर गुप्ता ने बताया कि राजधानी भोपाल एवं कमिश्नरेट के जिलों में अभी 5 लाख 80 हजार कर्मचारियों के यूएएन नंबर मौजूद हैं। इनमें कुछ संख्या ऐसे कर्मचारियों की भी है जिनके एक से अधिक यूएएन नंबर बन गए हैं। ऐसा ज्यादातर उन मामलों में हुआ है जिन्होंने संस्थान बदलने के बाद अपना एकाउंट ट्रांसफर नहीं कराया और नया यूएएन नंबर जेनरेट करा दिया गया।
पूनम पुरोहित
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