मंथन न्यूज़ - तमिलनाडु में कुछ स्कूल टीचरों को मद्रास हाईकोर्ट के जज को ट्रोल करना भारी पड़ गया. मद्रास हाईकोर्ट के जज एन किरुबाकरन को सोशल मीडिया पर ट्रोल करने, आपत्तिजनक भाषा और फैसले का विरोध करने के चलते तमिलनाडु सरकार ने 50 FIR दर्ज की है और 11 स्कूल टीचरों को सस्पेंड कर दिया है. जज ने टीचरों की हड़ताल पर सितंबर में एक फैसला दिया था जिसका इन टीचरों ने सोशल मीडिया पर विरोध किया था. जज किरुबाकरन के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में मंगलवार को एक 40 वर्षीय महिला को वेल्लोर से गिरफ्तार कर लिया गया है.स्कूल शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेट्री प्रदीप यादव ने बताया 'कोर्ट के आदेश पर 11 टीचरों को सस्पेंड कर दिया है. इन लोगों पर जज और न्यायपालिका के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने और असंसदीय शब्द इस्तेमाल करने का आरोप है. उन सभी ने बिना शर्त माफी भी मांगी है.' और सरकारी नौकरों के ऊपर कार्रवाई हो सकती है. इनमें से ज्यादातर स्कूल शिक्षक हैं, करीब 50 FIR इस मामले में दर्ज की गईं हैं.टीचर सातवें वेतन आयोग और पेंशन स्कीम लागू करने के लिए हड़ताल कर रहे थे. इतना ही नहीं इन मांगों के चलते टीचर क्लास का भी बायकॉट कर रहे थे.नीट परीक्षाओं में तमिलनाडु के सरकारी स्कूलों के खराब प्रदर्शन के बाद जस्टिस किरुबाकरन ने कहा था कि वेतन की मांग करने वाले टीचरों को शर्म आनी चाहिए. सातवें वेतन आयोग की मांग करने वाले टीचरों को अपनी जिम्मेदारी भी समझनी चाहिए. ऐसे लोगों को हड़ताल नहीं करनी चाहिए. राज्य से केवल पांच सरकारी स्कूल स्टूडेंट मेडिकल सीट सुरक्षित कर पाए हैं
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