
मौजूदा समय में 14, 18 और 22 कैरेट शुद्धता वाले सोने से बने आभूषणों की हालमार्किग के संदर्भ में बीआईएस के मानक हैं. पासवान ने संवाददाताओं से कहा, पहले आभूषण 24 कैरेट सोने से नहीं बनते थे। अब विदेशों में उपलब्ध अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ ऐसा करना संभव हो गया है. इस श्रेणी के लिए भी मानक होने की मांग उठ रही है. पासवान बुधवार को नये भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) कानून 2016 के लागू होने के बाद बीआईएस की संचालन परिषद की पहली बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मीडिया को यह बता रहे थे.यह नया कानून 12 अक्तूबर से अमल में आया है. बीआईएस की महानिदेशक सुरीना राजन ने कहा कि देश में चार लाख से अधिक आभूषण कारोबारी हैं. मौजूदा समय में अधिकांश परीक्षण प्रयोगशाला निजी कंपनियों से संचालित हैं तथा हालमार्किग प्रणाली की अनिवार्यता को लागू करने के लिए इस संख्या को मजबूत किये जाने की आवश्यकता है. करीब 21,692 आभूषण विक्रेताओं ने अभी तक हालमार्किग का लाइसेंस लिया हुआ है. फिलहाल, हालमार्किग लेना वैकल्पिक है
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