लगभग साढ़े तीन घंटे तक चली बैठक में राज्य सरकारों का प्रधानमंत्री कार्यालय से समन्वय से लेकर सोशल मीडिया पर सक्रियता, संगठन के साथ सामंजस्य, गरीब कल्याण योजना में प्रगति जैसे मुद्दों पर समीक्षा हुई। प्रधानमंत्री और शाह ने उन्हें सुशासन और गरीबों व युवाओं की अपेक्षा पर तेज गति से बढ़ने का निर्देश दिया। बैठक में उन राज्यों के उप मुख्यमंत्री भी मौजूद थे, जहां ऐसी व्यवस्था की गई है।
नीति आयोग में देश के सभी मुख्यमंत्रियों से रूबरू होने के बाद प्रधानमंत्री भाजपा के मुख्यमंत्रियों के साथ देर रात तक बैठे। बताते हैं कि मुख्यमंत्रियों के सामने 12 सूत्री एजेंडा रखा गया था, जिस पर उन्हें पांच मिनट का प्रेजेंटेशन देना था। फिर अपनी बात कहनी थी। उनके लिए कुल वक्त 10 मिनट का मुकर्रर था।
पहला बिंदु पीएमओ से समन्वय का था। मुख्यमंत्रियों से पूछा गया कि राज्यों के रेजीडेंट कमिश्नर पीएमओ के ओएसडी से संपर्क में हैं या नहीं। उसी तरह मुख्यमंत्री सचिवालय में सोशल मीडिया टीम के गठन और मीडिया में राज्य व केंद्र की प्रमुख उपलब्धियों को प्रस्तुत करने में सक्रियता जैसे सवाल पूछे गए थे।
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