मंथन न्यूज़ देश की सभी समस्याओं के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के पास एक समाधान है- आरएसएस की विचारधारा. शनिवार को मुंबई में एक पुस्तक विमोचन समारोह के दौरान उन्होंने ये बात कही.
'दुनिया को रास्ता दिखा सकता है आरएसएस'
समारोह को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा, 'आरएसएस की सोच सामाजिक-आर्थिक समानता और राष्ट्रवाद की है. शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में संघ का काम सभी समस्याओं का हल है. सामाजिक और आर्थिक विकास का आरएसएस का मॉडल पूरी दुनिया को रास्ता दिखा सकता है.'
समारोह को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा, 'आरएसएस की सोच सामाजिक-आर्थिक समानता और राष्ट्रवाद की है. शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में संघ का काम सभी समस्याओं का हल है. सामाजिक और आर्थिक विकास का आरएसएस का मॉडल पूरी दुनिया को रास्ता दिखा सकता है.'
'मार्क्सवाद हुआ नाकाम'
गडकरी के मुताबिक मार्क्सवाद और समाजवाद पिछले कुछ सालों के दौरान नाकाम साबित हुआ है. उनकी राय में 'संघ अपने दृढ़ विश्वास और प्रतिबद्धता के सहारे नकारात्मक प्रचार से बचा रह पाया है.'
गडकरी के मुताबिक मार्क्सवाद और समाजवाद पिछले कुछ सालों के दौरान नाकाम साबित हुआ है. उनकी राय में 'संघ अपने दृढ़ विश्वास और प्रतिबद्धता के सहारे नकारात्मक प्रचार से बचा रह पाया है.'
'सबको साथ लेकर चलने की सोच'
गडकरी का कहना था कि लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, चरित्र निर्माण और देश सेवा से जुड़े आरएसएस के कामों से वाकिफ करवाने की जरूरत है. उनके मुताबिक समाज में आरएसएस को लेकर धारणा को बदलने के लिए काम होना चाहिए. गडकरी ने दावा किया कि आरएसएस की हिंदुत्व विचारधारा सभी धर्मों और तबके के लोगों को साथ लेकर चलती है.
आरएसएस के इतिहास पर पुस्तक
गडकरी जिस समारोह में बोल रहे थे, उसका आयोजन रमेश मेहता की किताब के विमोचन के लिए किया गया था. लोटस पब्लिकेशन की इस किताब में 1925 से लेकर 1996 तक आरएसएस के इतिहास का ब्योरा है. समारोह में यूपी के राज्यपाल राम नाइक भी मौजूद थे. उनका कहना था कि 1996 के बाद के आरएसएस के इतिहास और क्रियाकलापों पर भी शोध किये जाने की जरूरत है.
गडकरी का कहना था कि लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, चरित्र निर्माण और देश सेवा से जुड़े आरएसएस के कामों से वाकिफ करवाने की जरूरत है. उनके मुताबिक समाज में आरएसएस को लेकर धारणा को बदलने के लिए काम होना चाहिए. गडकरी ने दावा किया कि आरएसएस की हिंदुत्व विचारधारा सभी धर्मों और तबके के लोगों को साथ लेकर चलती है.
आरएसएस के इतिहास पर पुस्तक
गडकरी जिस समारोह में बोल रहे थे, उसका आयोजन रमेश मेहता की किताब के विमोचन के लिए किया गया था. लोटस पब्लिकेशन की इस किताब में 1925 से लेकर 1996 तक आरएसएस के इतिहास का ब्योरा है. समारोह में यूपी के राज्यपाल राम नाइक भी मौजूद थे. उनका कहना था कि 1996 के बाद के आरएसएस के इतिहास और क्रियाकलापों पर भी शोध किये जाने की जरूरत है.
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