उन्होंने कहा कि जो लोग बेवजह बीवी को तीन तलाक देते हैं, उनका सामाजिक बायकाट करें ही, दूसरे निकाह के लिए लड़की भी न दें। जमाअत-ए-इस्लामी हिद 23 अप्रैल से सात मई तक मुस्लिम पर्सनल लॉ जागरूकता अभियान चला रहा है।
इसी के तहत शनिवार को चमनगंज में महिलाओं के अधिवेशन में अतिया सिद्दीकी ने लोगों को जागरूक किया। इससे पूर्व जमाअत इस्लामी कार्यालय चमनगंज में पत्रकारों से बातचीत में अतिया ने कहा कि क्षेत्रीय स्तर पर शरई पंचायत और दारुलकजा स्थापित की जाएगी।
पीड़ित महिलाओं के लिए राहत कोष भी बनेगा। देश की 10 लाख मस्जिदों में जुमा की नमाज के दौरान पेशइमाम अपनी तकरीर में शरई की जानकारी देंगे। प्रथम चरण में पांच करोड़ मुसलमानों तक शरई जानकारी पहुंचाने का लक्ष्य है।
इस्लाम की जानकारी देगा ऐप
इस्लाम की जानकारी लेने के लिए एक मोबाइल ऐप भी तैयार किया गया है। एमपीएलएसी.इन से यह ऐप डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें शरई जानकारी के अलावा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी समेत कई उलमा की तकरीर भी मौजूद है।
"क्या गारंटी है कि पहली बीवी छोड़ने के बाद दूसरी के साथ शौहर का व्यवहार ठीक होगा। महिलाएं अपने अधिकारों को जानें। कुरान व हदीस की रोशनी में जिंदगी गुजारें तो कभी दिक्कत नहीं आएगी।" - अतिया सिद्दीकी
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