भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए मोहन भागवत को राष्ट्रपति बनाया जाए: शिवसेना

RSS chief Mohan Bhagwat will make good President: Sanjay Raut, national news in hindi, national newsपूनम पुरोहित मंथन न्यूज़ मुम्बई -.अगले राष्ट्रपति के लिए शिवसेना ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चीफ मोहन भागवत का नाम आगे किया है। पार्टी के सांसद संजय राउत का मानना है कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए राष्ट्रपति पद पर भागवत अच्छे साबित होंगे। बता दें कि मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल इस साल जुलाई में खत्म हो रहा है। हमने सुना है भागवत का नाम पर चर्चा हुई है..
सांसद राउत ने कहा- “ यह देश की सबसे ऊंची पोस्ट है। साफ है कि क्लीन इमेज वाला शख्स ही इस पर बैठ सकता है। हमने सुना है कि राष्ट्रपति के लिए उनके (भागवत के) नाम पर चर्चा हुई है।" 
- "यदि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है तो भागवत राष्ट्रपति के लिए बेहतर पंसद होंगे। लेकिन किस कैंडिडेट को पार्टी सपोर्ट करेगी यह फैसला उद्धव ठाकरेजी जी लेंगे।"
- "पिछले दो राष्ट्रपति चुनाव में, बाला साहेब ठाकरे रुझान के खिलाफ गए थे और देश हित में फैसला लिया था। राष्ट्रपति उम्मीदवारों पर चर्चा के लिए मातोश्री आना होगा। जो वोट चाहते हैं, वे मातोश्री आ सकते हैं। हम बातचीत के लिए तैयार हैं। मातोश्री में भी खाना अच्छा बनता है।"
मोदी ने उद्धव को डिनर पर बुलाया
नरेंद्र मोदी ने गुड़ी पड़वा के मौके पर शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे समेत एनडीए की सहयोगी पार्टियों के नेताओं को डिनर पर बुलाया है। माना जा रहा है कि इस दौरान राष्ट्रपति चुनाव को लेकर स्ट्रैटजी तैयार की जा सकती है।
BJP नेता ने किया था 4 नामों का दावा
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक सीनियर बीजेपी नेता दावा कर चुके हैं कि लालकृष्ण आडवाणी, सुमित्रा महाजन, सुषमा स्वराज और झारखंड के गवर्नर द्रौपदी मुरमु में से किसी एक नाम पर प्रेसिडेंट पोस्ट के लिए आम राय बन सकती है।
ऐसे अपनी पसंद का राष्ट्रपति बना सकेगी BJP

- राष्ट्रपति को चुनने की प्रॉसेस में लोकसभा, राज्यसभा के साथ-साथ राज्यों की विधानसभाओं के मेंबर्स भी हिस्सा लेते हैं।
- 5 चुनावी राज्यों में से 2 में (यूपी, उत्तराखंड) बीजेपी को बहुमत हासिल हो गया है। इससे राष्ट्रपति चुनाव में उसके कैंडिडेट की राह आसान हो गई है क्योंकि 403 विधानसभा सीटों वाले यूपी का राष्ट्रपति चुनाव में बड़ा रोल होगा। बीजेपी अलायंस के पास 325 सीट हैं।
- हालांकि, उप राष्ट्रपति चुनावों पर इन नतीजों का कोई असर नहीं होगा क्योंकि यह सिर्फ दोनों सदनों (लोकसभा-राज्यसभा) के सांसदों के वोटों से तय होता है।
ये है राष्ट्रपति चुनाव का गणित
- 10,98,882 राष्ट्रपति चुनाव में वोटों की वैल्यू है। 
- 5.49 लाख वोट चाहिए राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए। 
- 4.57 लाख वोट हैं बीजेपी अलायंस के पास। यानी 92 हजार और वोटों की जरूरत है। 
- 96508 वोट वैल्यू मिलेगी बीजेपी को 5 राज्यों में जीती गई सीटों सेे। इनमें से अकेले यूपी असेंबली के वोटों की वैल्यू 67600 है।
- यूपीए-थर्ड फ्रंट मिलकर भी एनडीए के बराबर नहीं होंगे। बीजेपी की पसंद का राष्ट्रपति बनना तय है क्योंकि 5 राज्यों के नतीजों ने उसे जरूरी वोट अवलेबल करा दिए हैं। 
राज्यसभा में ऐसे मजबूत होगी बीजेपी
- राज्यसभा से 2018 में रिटायर होने वाले 68 सांसदों में से 58 सांसद अप्रैल 2018 में ही रिटायर हो जाएंगे। इनमें से 10 सांसद यूपी से हैं। एक सांसद उत्तराखंड से है।
- चूंकि यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं, लिहाजा उसके पास राज्यसभा में सांसदों की संख्या बढ़ाने का मौका है।
- राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं। एनडीए के 74 सांसद (बीजेपी 56) हैं। यूपीए के पाले में 65 सांसद (कांग्रेस 59) हैं। अन्य के पास 106 सीटें हैं। संख्या बल के हिसाब से यूपीए से एनडीए आगे है मगर बहुमत के आंकड़े (123) से एनडीए अभी भी बहुत पीछे है।
- 2019 से पहले राज्यसभा से 68 सांसद रिटायर होंगे। इनमें 10 सीटें उप्र से और 1 उत्तराखंड से खाली होगी। यानी एनडीए की 11 सीटें और बढ़ जाएंगी। इस तरह उसके पास कुल संख्या 85 होगी। जबकि यूपीए की 65 होगी।
- पंजाब-मणिपुर से 2019 तक सीट खाली नहीं होगी। इसलिए एनडीए को बहुमत (123) तो नहीं मिलेगा, लेकिन यूपीए के कमजोर होने से जरूरी बिल पास कराने में अब उसे ज्यादा मुश्किलें नहीं आएंगी।