मुख्यमंत्री शुक्रवार को राजधानी के भौरी स्थित पुलिस अकादमी में 89वें संयुक्त दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मजनु टाइप लोगों को सबक सिखाना बेहद जरूरी है। ये लोग मां-बेटियों की इज्जत करना नहीं जानते जो सभ्य समाज के लिए ठीक नहीं है। जरूरत है इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की। उन्होंने कहा कि बालिकाओं के साथ दुराचार करने वाले को मृत्युदंड देने का विधेयक विधानसभा के मानसून सत्र में रखेंगे। प्रस्ताव पारित होने के बाद उसे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।
समारोह में 633 पुलिसकर्मियों जिनमें सूबेदार, उप निरीक्षक, उप निरीक्षक विसबल और उप निरीक्षक विशेष शाखा के पुलिसकर्मियों ने पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया। इनमें 478 पुरूष एवं 155 महिला पुलिसकर्मी शामिल थी। तेज गर्मी का असर दीक्षांत समारोह में दिखा, मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान करीब आधा दर्जन महिला-पुरूष पुलिसकर्मियों को चक्कर आ गया। कार्यक्रम में महापौर आलोक शर्मा, डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला सहित तमाम आला अधिकारी मौजूद थे।
दलालों से बचकर रहे
मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों को दलालों से बचकर रहने की नसीहत दी और कहा ये चिकनी-चुपड़ी बातें करते हैं। अपराधियों को किसी भी स्थिति में नहीं छोड़ना है वे माफी के योग्य नहीं हैं। पुलिस की नौकरी को जनता की सेवा बताते हुए मुख्यमंत्री ने इसकी छवि को धूमिल ना होने देने की बात कही।
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