शुरुआत में महज 25 हजार रुपए रही अनुदान की रकम को साढ़े तीन साल पहले 50 हजार रुपए किया गया था, जिसे अब एक लाख रुपए किए जाने के बाद मानसरोवर यात्रियों की संख्या बढ़ने की भी उम्मीद जताई जा रही है।
सपा सरकार ने कैलास मानसरोवर के साथ लेह लद्दाख स्थित सिंधु दर्शन करके आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी आर्थिक सहायता की योजना शुरू की थी। कैलास मानसरोवर के यात्रियों की सहायता का शासनादेश जब 19 फरवरी 2013 को जारी हुआ था, तब अनुदान की रकम महज 25 हजार रुपए थी और साल में अधिकतम 50 यात्रियों को ही यह रकम दिए जाने की व्यवस्था की गई थी। हालांकि, आठ महीने बाद ही 24 अक्टूबर 2013 को आर्थिक सहायता की रकम 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दी गई थी। इसी क्रम में 25 जनवरी 2016 को जारी शासनादेश के जरिए अनुदान पाने वाले अधिकतम यात्रियों की संख्या भी 50 से बढ़ाकर 100 कर दी गई।
इसी तरह सिंधु दर्शन करने वाले यात्रियों की आर्थिक सहायता के लिए भी 30 सितंबर 2015 को शासनादेश जारी कर प्रतियात्री 10 हजार रुपए दिए जाने की व्यवस्था कर दी गई। सिंधु दर्शन में भी प्रतिवर्ष अधिकतम 100 यात्रियों को ही अनुदान दिए जाने का नियम बनाया गया था। शर्त यह भी थी यह दोनों अनुदान किसी व्यक्ति को उसके जीवनकाल में एक बार ही मिलेगा। प्रदेश में दो जगह लखनऊ व गाजियाबाद में बने हज हाउस की तरह मानसरोवर यात्रा के लिए भी केंद्र बनाए जाने की योजना से तीर्थयात्री उत्साहित हैं।
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