दरअसल, मंगलवार को पेयजल और सिंचाई विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा रखी गई थी। पेयजल और सिंचाई राजस्थान की सबसे बड़ी समस्या है। यही कारण है कि 65 विधायकों ने इस समस्या पर अपनी बात रखी और अपने क्षेत्रों की मांग रखी।
इस दौरान एक-दो बार हंगामे की स्थिति भी बनी, लेकिन कार्यवाही आमतौर पर शांतिपूर्ण ढंग से चली। चर्चा खत्म होने के बाद रात करीब पौने तीन बजे जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल और सिंचाई मंत्री डॉ. रामप्रताप ने इस चर्चा का जवाब देते हुए कुछ घोषणाएं की। विधायकों का कहना है कि इतनी देर तक विधानसभा चलने का यह पहला अवसर है।
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