महिला आयोग ने माना प्रदेश में दहेज व यौन प्रताड़ना के मामले सर्वाधिक

मंथन न्यूज़ भोपाल -मध्यप्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष लता वानखेड़े ने स्वीकार किया कि प्रदेश में दहेज एवं यौन प्रताड़ना का मामले ज्यादा हैं। आयोग महिलाओं में जागृति लाने के लिए विशेष प्रयास कर रहा है। अध्यक्ष के रूप में एक साल पूरा होने पर उन्होंने तीन समितियां बनाने का एलान भी किया। साथ ही कहा कि हर जिले में 'आयोग सखी" भी तैनात करेंगे। फर्जी शिकायतों को रोकने शपथ पत्र भी मांगा जाएगा।
lata 27 01 2017
पत्रकारों से चर्चा करते हुए अध्यक्ष वानखेड़े ने बताया कि प्रदेश में दहेज एवं प्रताड़ना के मामले ज्यादा होते हैं। उन्होंने बताया कि एक साल के दौरान 51 में से 30 जिलों तक अपनी पहुंच बनाई। 13 जिलों में बेंच लगी एवं 17 में जाकर जेल, छात्रावास एवं अस्पतालों का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि छह महीने तक वह अकेली थीं फिर एक सदस्य की नियुक्ति हुई, इसके बाद 11 अगस्त से बेंच शुरू हो पाईं।
उन्होंने बताया कि 6 हजार 18 प्रकरणों की सुनवाई की गई। इनमें 1510 में रिपोर्ट तलब की गई है एवं 1600 जांच प्रतिवेदन मांगा गया है। 450 शिकायतों में समझौता संबंधित थानों में बातकर निराकरण किया।
उन्होंने एलान किया कि देह व्यापार जैसे मामलों में बेड़िया-बांछड़ा समाज पर 'करुणा समिति" काम करेगी। दूसरी 'मुक्ति समिति" एवं कार्यस्थल पर प्रताड़ना संबंधी मामलों में 'दिव्या समिति" काम करेगी।
आयोग में पुरुष काउंसलर के बैठने के सवाल पर उन्होंने कहा कि काउंसलर अपनी नि:शुल्क सेवाएं देते हैं। उन्होंने कहा कि आयोग के एक्ट का पूरी तरह पालन किया जा रहा है। अध्यक्ष के साथ भारत स्काउट गाइड में उपाध्यक्ष का संभालने भी संभालने के सवाल पर उन्होंने सफाई दी कि यह लाभ के पद का मामला नहीं है। इस संबंध में परीक्षण कराया जा चुका है। एक्ट का शब्दश: पालन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के मंदसौर, नीमच, रतलाम, पन्ना एवं सागर जिले में बांछड़ा-बेड़िया समाज अपनी परंपराओं के नाम पर बेटियों को देहव्यापार में धकेलते हैं। इनके लिए सरकार की जाबाली योजना भी काम कर रही है।
                                        पूनम पुरोहित