नर्मदा परकम्मा की कीमत तुम क्या जानो बाबूजी

भोपाल मंथन न्यूज़ -'नमामि देवी नर्मदे''-सेवा यात्रा के दौरान लोगों की यात्रा के प्रति आस्था और विश्वास निरंतर दृढ़ होता जा रहा है। इससे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की यह मंशा पूरी होती दिखायी देती है कि नर्मदा नदी न केवल प्रदूषण से मुक्त होगी, बल्कि उसका संरक्षण भी होगा। यात्रा के दौरान हो रहे वाकया इस बात का संकेत देते हैं।
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ऐसा ही एक वाकया हरदा जिले में चल रही 'नमामि देवी नर्मदे''-सेवा यात्रा के दौरान घटा, जब अनूपपुर निवासी 76 साल के सेवकराम के पाँव में काँटा चुभा। तब एक व्यक्ति ने तंज कसा कि दादा लगता है यात्रा आपको महँगी पड़ रही है। यात्रा में सेवकराम के साथ चल रही और उसके पॉव से काँटा निकाल रही हाजिरजवाब डिण्डोरी निवासी 65 साल की सुखरमिया बोली कि 'नर्मदा परकम्मा की कीमत तुम क्या जानो बाबूजी''। उसका यह जुमला सुनकर सब चुप रह गये। पाँचवीं पास सुखरमिया आगे बोली- 'नर्मदा हमारी माता है और इसके लिये हम कुछ भी सहने को तैयार हैं।'
इस वाकये से यह तो साबित हो गया कि लोगों में नर्मदा को शुद्ध बनाने का जुनून सवार हो गया है। लोगों को यह भी पता चल गया है कि जो नर्मदा पहले थी, आज उसकी स्थिति खराब हो गयी है। अब हमें कल-कल कर बहने वाली शुद्ध नर्मदा को फिर से पवित्र बनाना है।
                                       पूनम पुरोहित