मंथन न्यूज़ भोपाल -प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में अगले शिक्षण सत्र से लागू हो रही यूनिफार्म का चयन कॉलेज प्रबंधन अपने हिसाब से कर सकेगा। उच्च शिक्षा विभाग इसका निर्धारण नहीं करेगा। प्रदेश में 457 कॉलेज संचालित हो रहे हैं। चार लाख से ज्यादा छात्र नए सत्र से यूनिफार्म में नजर आएंगे। सरकारी कॉलेजों के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए सरकार यूनिफार्म अनिवार्य करने जा रही है। हाल में राजधानी के नूतन कॉलेज में भी इसे शुरू कर दिया गया है।
इसके अलावा उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान, गीतांजलि कॉलेज सहित कई अन्य स्वशासी कॉलेजों में यह चल रही है। अब प्रदेश के सभी सरकारी कॉलेजों में इसे लागू किया जा रहा है। हाल में विद्यार्थी पंचायत के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी छात्रों से इस संबंध में उनकी राय जानी थी, जिस पर उन्होंने अपनी सहमति दी थी।
कॉलेज खुद तय करें कैसी हो यूनिफार्म
खास बात यह है कि स्कूलों की तरह कॉलेजों की यूनिफार्म एक जैसी नहीं होगी। हर कॉलेज की यूनिफार्म अलग-अलग होगी। उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कॉलेज अपनी पसंद की यूनिफार्म शुरू करने के लिए स्वतंत्र हैं। बस, उन्हें नए सत्र से अपने यहां यूनिफार्म लागू करना है।
उन्हें यह देखना होगा कि ऐसी यूनिफार्म रखी जाए जिससे छात्रों को आर्थिक दबाव न पड़े और वे इसे आसानी से खरीद सकें। कॉलेज प्रशासन चाहे तो सेंपल के तौर पर इसे डिस्प्ले कर करता है और जो छात्रों को पसंद हो उसे भी लागू कर सकता है।
इसलिए की जा रही लागू
उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यूनिफार्म लागू करने के पीछे यह उद्देश्य है कि किसी भी कॉलेज के छात्र को आसानी से पहचाना जा सके। उनमें एकरूपता रहे। इससे बाहरी व्यक्ति की पहचान भी आसानी से हो सकेगी। इसके अलावा कॉलेज में विभिन्न् आर्थिक स्तर के छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं वे एक जैेसे नजर आएंगे। नहीं तो अब तक कई छात्र बहुत महंगे कपड़े पहनकर आते थे जबकि कई इतने महंगे कपड़े नहीं खरीद सकते। यूनिफार्म लागू करने की यह भी एक वजह है।
नए शिक्षण सत्र से सभी कॉलेजों में यूनिफार्म लागू की जा रही है। कॉलेज इसे अपने हिसाब से तय कर सकेंगे। हर कॉलेज की यूनिफार्म अलग होगी। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग अपनी ओर से कोई यूनिफार्म तय नहीं कर रहा है। कॉलेज अपने स्तर पर निर्णय लेंगे। - एमबी ओझा, आयुक्त, उच्च शिक्षा
पूनम पुरोहित
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