प्रेस कॉन्फ्रेंस मैं बोले पिछोर विधायक केपीसिंह मध्यप्रदेश में अफसरशाही हावी जब शासक कमजोर तो अफसरशाही हावी रहती है

मंथनन्यूज शिवपुरी

 पिछोर कांग्रेस  विधायक केपीसिंह ने एक दिवसीय  शिवपुरी  दौरे के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कहां की ।कलेक्टर की गलती का परिणाम  हैं  एक अधिकारी गलती करता है और पूरे जिले के किसानों को भोगना पड़ता है मैंने मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत और पत्र के माध्यम से कहा है कि कोई ऐसी व्यवस्था करें कि किसानों की फसलों. का सही आकलन हो ।हमारी बात पर आप अधिकारिक रूप से घोषणा नहीं कर सकते तो विधायक  के नाते तो समझे कि अगर  विधायक यदि कुछ कह रहे हैं तो वह भी सोच समझकर ही कह रहे होंगे यदि विधायक किसान है तो उसकी फसलों का आकलन न करें उसे माईनस कर  दें पर मुख्यमंत्री खुले मंच और सदन में तो किसानों की बात  करते हैं पर वह कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं उनकी कथनी करनी में फर्क है मध्यप्रदेश में अफसरशाही हावी है
और जब शासक कमजोर हो  मुख्यमंत्री हो या प्रधानमंत्री यदि वह कमजोर है तो अफसरशाही हावी रहती है मध्यप्रदेश में अफसरशाही का आलम तो यह है कि यदि अधिकारी कलेक्टर ने एक बार किसानों की फसलों का आकलन करा दिया तो उसे ऊपर बदला नहीं जाता और ना ही पुनः  सर्वे कराया जा सकता है एक बार अफसर ने जो लिख दिया तो लिख दिया उसकी बात स्वीकार कर ली जाती है चाहे वह सही हो या गलत मैंने मुख्यमंत्री  और राजस्व मंत्री दोनों को मेने  इस बात से अवगत कराया है  दोनों ने आश्वासन दिया था कि वह तहसीलों और जिलेवार यदि गलती पाई जाती है तो पुनः आकलन कराएंगे
इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए प्रभात झा के द्वारा ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए दिये गये बयान सिंधिया अमित शाह के निसाने  पर हैं। इस बार उन्हें गुना शिवपुरी संसदीय सीट से चुनाव जीतने के लाले पड़ जाएंगे। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा के इस बयान पर केपी सिंह ने पटलवार करते हुए कहा कि प्रभात झा एक बार गुना शिवपुरी संसदीय सीट से चुनाव लड़ ले तो उन्हें पता चल जाएगा और तो वह ग्वालियर से लड़ले तो उन्हें अपनी औकात पता लग जाएगी। गुना से लडने की तो उनमें हिम्मत नही है

ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम प्रोजेक्ट क्यों नहीं किया जा रहा है,
इसे लेकर केपी सिंह ने कहा कि कांग्रेस में ऐसी परिपाटी नहीं है कि किसी भी नेता को सीएम प्रोजेक्ट कर चुनाव लड़ा जाए। आलाकमान ही इसके लिए फैसला लेगा और उसका फैसला सर्वमान्य होगा।  

अल्पवर्षा के चलते कई जिले जल अभावग्रस्त घोषित हो गए हैं। ऐसे में किसानों को खासी परेशानी हो रही है। उनकी फसल चौपट हो गई है। ऐसे में किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आएंगे।

 इसे लेकर केपी सिंह का कहना था कि सरकार को इसे लेकर जल्द कदम उठाना चाहिए।

 चुनावों की तैयारियों को लेकर केपीसिंह का कहना है कि चुनावों को लेकर कोई भी पार्टी पहले से तैयार नहीं करती है जबकि यह तो आमजन का मन है वह किसको चुनता है।