मंथन न्यूज भारतीय सेना ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में की गई कार्रवाई में पाकिस्तान की चौकियों को नुकसान पहुँचा है.
हालांकि पाकिस्तान ने भारत की तरफ़ से हुई ऐसी किसी भी कार्रवाई से इनकार किया है.
एसपीआर के एक अधिकारी मेजर जनरल आसिफ़ ग़फ़ूर ने ट्वीट किया है, ''नौशेरा में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी पोस्ट को नष्ट करने और आम नागरिकों पर पाकिस्तानी सेना की फ़ायरिंग के भारत के दावे ग़लत हैं.''
इससे पहले भारतीय सेना के मेजर जनरल अशोक नरूला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान ने 20 और 21 मई कौ नौशेरा सेक्टर में कार्रवाई की थी, इसके जवाब में भारतीय सेना ने ये कार्रवाई की है.
उन्होंने कहा कि गर्मियों में अब बर्फ़ पिघलने से घुसपैठ बढ़ने की आशंका है, लेकिन भारतीय सेना की तैयारी पूरी है.
नौशेरा में हुई कार्रवाई में चार चरमपंथियों को मारा गया था.
उन्होंने यह भी कहा कि हमारी कोशिश जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल करना है. इसके लिए ज़रूरी है कि नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ को प्रभावी तरीके से रोका जाए.
इस मौके पर सेना ने एक वीडियो भी जारी किया है. तकरीबन 21 सेकंड के इस वीडियो में 10-11 धमाके होते दिख रहे हैं.
भारतीय सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल अशोक नरूला ने कहा कि नियंत्रण रेखा पर भारत की स्थिति पाकिस्तान की तुलना में म़जबूत है. पाकिस्तानी सेना हथियारबंद घुसपैठियों को भारत प्रशासित कश्मीर में दाखिल कराने में मदद करती है.
भारतीय सेना की तरफ से जारी किए गए इस वीडियो पर पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने नई दिल्ली में न्यूज़ चैनल 'सीएनएन न्यूज़ 18' से कहा कि उन्हें पाकिस्तान की तरफ से इसके बारे में जानकारी नहीं मिली है. इसलिए वे फिलहाल कुछ नहीं कह सकते.
हालांकि उन्होंने कहा, "इससे दो चीजें साबित होती हैं. पहला ये कि जम्मू और कश्मीर दोनों देशों के बीच केंद्रीय मुद्दा है और दूसरा अगर आज कुछ होता है तो ये समझने की जरूरत है कि दोनों देशों को इस लंबे समये से पेंडिंग मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत की मेज पर बैठने की कितनी जरूरत है. ये दुर्भाग्य की बात है कि संघर्ष विराम के बावजूद नियंत्रण रेखा पर तनाव बना हुआ है. इसलिए ये महत्वपूर्ण है कि ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए."
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जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पिछले दिनों भारतीय सेना के दो जवानों की हत्या कर उनके शवों के साथ बर्बरता की गई थी.
भारतीय सेना ने उस समय कहा था कि इसका माकूल जवाब दिया जाएगा.
भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने जवानों के शव क्षत-विक्षत किए जाने की निंदा की थी और कहा था कि युद्ध के दौरान भी कहीं ऐसी हरकतें नहीं होती हैं.
हालांकि पाकिस्तान ने इस तरह की घटना में हाथ होने से साफ़ इनकार किया था.
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