शहीद भगत सिंह की पिस्तौल पहुंची खटखड़ कलां म्यूजियम

चंडीगढ़। शहीद-ए-आजम भगत सिंह ने जिस पिस्तौल से जॉन सांडर्स पर गोली चलाई थी उसे भगत सिंह के जन्म स्थान खटखड़ कलां (शहीद भगत सिंह नगर) स्थित म्यूजियम में रख दिया गया है और जल्दी ही इसे लोग देख सकेंगे।

यह जानकारी सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने हलफनामे में दी है। बीएसएफ ने हाई कोर्ट को बताया कि इंदौर के बीएसएफ म्यूजियम से खटखड़ कलां स्थित म्यूजियम में पिस्तौल भेज दी गई है। बीएसएफ के जवाब पर हाई कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।

एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने याचिका दायर कर कहा था कि वर्ष 1944 में लाहौर के तत्कालीन एसएसपी ने यह पिस्तौल फिल्लौर की पंजाब पुलिस अकेडमी में भेजी थी।

1969 तक यह पिस्तौल अकेडमी से बीएसएफ के पास पहुंच गई। याची ने कहा कि उन्हें गत वर्ष नवम्बर में पता चला कि भगत सिंह की यह पिस्तौल अब इंदौर में बीएसएफ म्यूजियम में है।

इसके बाद याची ने केंद्र को लीगल नोटिस भेज पिस्तौल को खटखड़ कलां म्यूजियम में लाए जाने की मांग की थी। खटखड़ कलां में भगत सिंह का जन्म हुआ था और अब उनकी याद में एक म्यूजियम भी है।

हजारों लोग भगत सिंह से जुड़ी वस्तुओं को देखने के लिए खटकड़ कलां रोजाना आते हैं। ऐसे में भगत सिंह से जुड़ी इस पिस्तौल को भी म्यूजियम में रखा जाना चाहिए।

पिस्तौल का महत्व

स्वाधीनता आंदोलन के दौरान साइमन कमीशन के खिलाफ आवाज उठाने पर ब्रिटिश सरकार ने लाला लाजपत राय पर लाठीचार्ज कराया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी।

इसका बदला लेने के लिए भगत सिंह ने बिटिश अफसर जॉन सांडर्स की इसी पिस्तौल से गोली मारकर हत्या कर दी थी।