ईमानदारी से प्रयास जारी रखें, निश्चित सफलता मिलेगी-पुलिस अधीक्षक

मंथन न्यूज श्योपुर-  एमपीपीएससी की परीक्षा मे टोपर रहे श्योपुर जिले के पुलिस अधीक्षक साकेत प्रकाश पाण्डे ने कहा है कि ईमानदारी से प्रयास जारी रखें, निश्चित सफलता मिलेगी। वे आज खटिक समाज के सामुदायिक भवन पर एमपीपीएससी की निःशुल्क कोचिंग के छात्र छात्राओं को सफलता के मंत्र बता रहे थे।

👉इस दौरान सहभागिता से संचालित एमपीपीएससी कोचिंग मार्गदर्शक एवं समन्वयक परीक्षित भारती, जिला पंचायत सदस्य ममता गौरछिया, खटिक समाज के जागरूक नागरिक बाबू लाल आर्य, विशेषज्ञ विकास सोनी, खेमराज आर्य, राजू सिंह कुशवाह, पूनम सेन, राकेश गौतम, धनराज सुमन, राम मुकेश जाटव, छात्र नेता हनुमान सेंगर और छात्र छात्राएँ उपस्थित थे।

👉पुलिस अधीक्षक साकेत प्रकाश पाण्डे ने कहा कि अपने ऊपर पूरा भरोसा रखें और समय प्रबंधन के साथ निरंतर तैयारी करें, नकल नहीं करें, जरूर सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि अध्ययन एवं परीक्षा की संपूर्ण जानकारी होना चाहिए।उन्होंने कहा कि स्कूल और कालेज की पढ़ाई मन से कर ली जाए, तो पीएससी पास करना बहुत आसान हो जाता है। मेरे साथ भी एसा ही हुआ। दसवीं मे आठवॉं, 12वी मे सोलवा,बीए मे सातवा, एलएलबी मे तीसरा स्थान अर्जित किया पर पापा ने कभी प्रशंसा नहीं की, बल्कि दसवीं का रिजल्ट बताने गया तो गाल पर थप्पड मिला, क्योंकि प्रथम आओगे तो शाबाशी दूँगा, अन्यथा नहीं, यह उस समय की बात है जब पापा मेनपुरी उत्तरप्रदेश के कलेक्टर हुआ करते थे।एमपीपीएससी की परीक्षा फार्म भरकर उज्जैन को परीक्षा केन्द्र चुना, इसके पीछे मेरा उद्देश्य था घूमना फिरना, मैंने प्रारंभिक परीक्षा दी 100 मे 99 प्रश्नों के जवाब सही, फिर मुख्य परीक्षा दी, इसके बाद साक्षात्कार सभी मे सफल हुआ, मतलब मेरी स्कूल और कालेज की शिक्षा अच्छी हुई पापा की वजह से, पद पाने के बाद हर सुविधा है मेरे पास, इसीलिए अफसर बनना है तो पढ़ना ही होगा, बहुत आसान काम है पढ़ना।

पुलिस कप्तान साकेत प्रकाश पाण्डे ने कहा कि  बचपन मे हमसे भी गलतियाँ हुई और पापा की समझाईस ने मुझे गलत रास्ते पर जाने से रोका, क्योंकि सफलता व्यक्ति को घमण्डी बना देती है, इसीलिए जीवन मे घमण्ड कभी नहीं करना चाहिए, यह पापा का संदेश मुझे याद आता है, जो आपको बता रहा हू। आप भी जीवन मे कभी घमण्ड न करे और बनावटी बातें बिलकुल नहीं करें, अगर आपने पढ़ा है तो अपनी बात को दमदारी से रखें, शंकुचाए नहीं। इस संवाद के दौरान छात्रअतुल गुप्ता और छात्रा अंशु सिंघल ने विचार रखे, वहीं छात्र छात्राओं ने कई सवालों के जवाब पूँछे।