स्‍वदेश पहुंची उजमा ने पाकिस्तान को बताया मौत का कुआं, सुषमा ने किया स्वागत

वाघा बार्डर (एएनआई)। इस्‍लामाबाद हाई कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद आखिरकार गुरुवार को भारतीय उजमा अपने देश वापस लौट आयी। उजमा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पाकिस्तान में में हुई घटना को बयां किया। उन्होंने पाकिस्तान को मौत का कुआं बताते हुए कहा कि वहां जाना तो आसान है लेकिन लौटना बहुत मुश्किल है।

उन्होंने कहा, 'मुझे हिन्दुस्तान आकर बेहद खुशी हुई। अब लग रहा है कि मैं आजादी में सांस ले रही हूं। मैं सुषमा मैम को धन्यवाद देती हूं। मैं सिर्फ घूमने के लिए पाकिस्तान गई थी। वहां, ताहिर ने मुझे नींद की गोलियां देकर टॉर्चर किया। किडनैप कर मुझे एक अजीब से गांव में रखा। वहां के लोग बहुत अलग हैं। ताहिर ने मुझे डराया और बेटी को किडनैप करने की धमकी देकर साइन करा लिए थे।'

इससे पहले अपने वतन लौटी उजमा के लिए इस्‍लामाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर वाघा बार्डर तक सिक्‍योरिटी मुहैया करायी गयी। मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली उजमा ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तानी नागरिक ताहिर अली ने झूठ बोलकर उसे पाकिस्तान बुलाया और बंदूक की नोक पर उससे शादी की।

विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने इस अवसर पर ट्वीट कर उजमा का स्‍वागत किया और पाकिस्‍तान में उनके साथ होने वाली घटना पर दुख प्रकट किया।

जियो न्‍यूज के अनुसार, जस्‍टिस मोहसिन अख्‍तर कयानी की अगुवाई में कोर्ट की बेंच ने उजमा को उसका इमिग्रेशन फॉर्म लौटा दिया जो उसके पति ताहिर ने मंगलवार को कोर्ट के समक्ष रखा था। ताहिर ने उजमा से एकांत में मिलने की इच्‍छा जाहिर की थी जिसे बाद में खारिज कर दिया गया। जस्‍टिस कयानी ने कहा कि यदि उजमा नहीं चाहती तो उसके साथ जबर्दस्‍ती नहीं किया जाएगा।

उजमा के भाई वसीम अहमद ने कहा कि भारत सरकार ने उजमा के लिए उम्‍मीद से बढ़कर किया और हाई कोर्ट के आदेश के बाद उजमा भारत लौट आयी। उन्‍होंने यह भी कहा कि भारतीय दूतावास ने उजमा को पूरी सावधानी से रखा। उन्‍होंने 5 मई, 2017 को इस्‍लामाबाद स्‍थित भारतीय उच्‍चायोग में शरण लिया। उन्‍होंने आगे बताया कि सरकार, सुषमा व भारतीय उच्‍चायोग का शुक्रिया अदा करने के लिए उनके पास शब्‍द नहीं हैं।  

गत 19 मई को उजमा ने 6 पेज का जवाब हाई कोर्ट के समक्ष रख और अपने पुराने दावे को दोहराते हुए कहा कि निकाहनामा पर हस्‍ताक्षर के लिए उनके साथ जबर्दस्‍ती की गयी थी। इसमें यह भी दावा किया कि ताहिर का हलफनामा झूठ पर आधारित है। इसके अलावा यह भी आग्रह किया गया कि उजमा को भारत जाने की अनुमति थी क्‍योंकि उनका वीजा 30 मई को खत्‍म हो जाएगा।

इसके पहले कोर्ट ऑफ ज्‍यूडिशल मजिस्‍ट्रेट के समक्ष अपने बयान में 20 वर्षीय उजमा ने आरोप लगाया कि उन्‍हें पाकिस्‍तान में अपने परिवार से मिलने के लिए बुलाकर शख्‍स ने मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया।