परिवहन न होने से खरीदी केन्द्रों पर गेहूं हो रहा बर्बाद

बलभद्र छतरपुर।  जिलेभर में इन दिनों खरीदी केन्द्रों पर अंतिम चरण चल रहा है, लेकिन अभी भी खरीदी केन्द्रों पर हजारों क्वंटल गेंहू खुले आसमान के नीचे पडा हुआ है। जिनकी परवाह न तो समिति प्रबंधक को है और न ही जिम्मेदारों को। ऐसा ही नाजार उस समय देखने को मिला जब शुक्रवार को दोपहर तेज आंधी के साथ बारिश शुरू हो गई। इस दौरान खरीदी केन्द्रों पर पड़े हजारों क्विटल गेहूं की किसी को परवाह होते नहीं दिखी सभी बूंदों से बचते छांव में पहुंचे और गेहूं खुले में पड़ा रहा।

गौर करने वाली बात यह है कि सप्ताह के शुरू होते ही मौसम के मिजाज बदलने शुरू हो गये थे। कहीं उमस से लोग कराह रहे थे तो वहीं शाम वक्त खुशनुमा हो जाने से लोग राहत की सांस ले रहे थे। इस तरह से एक सप्ताह से मौसम की बदलती प्रक्रिया जिलेभर में जारी है। लेकिन गेहूं खरीदी केन्द्रों पर इसके बावजूद भी गेहूं को सुरक्षित रखने के लिए कोई इंतजाम नहीं किये गये। जैसे ही बूंदाबांदी शुरू होती तो समिति प्रबंध सहित कर्मचारी छांव में खड़े होकर भीग रहे को देखने को तैयार हो जाते दिखे गये, लेकिन पानी से गेहूं को बचाने के लिए तिरपाल आदि से ठकने का साहस नहीं जुटा पाए। वहीं तुलाई के लिए आये किसान अपना गेहूं पानी से बचाते नजर आये लेकिन उन्हें ठकने का कोई इंतजाम नहीं किया गया। सवाल यह है कि जब समिति प्रबंधक और आपूर्ति निगम जब तुला हुआ गेहूं नहीं बचा पाये तो किसानों का गेहूं कैसे बचा पाएंगे। अब देखना यह है इस बूंदाबांदी और बारिश नुकसान हुए गेहूं की भरपाई कौन करता है।  

वेयर हाउसों में भी खरीदी केन्द्र होने के बावजूद गेहूं नहीं है सुरक्षित

हैरानी वाली बात तो यह है कि कई जगह वेयर हाउसों में खरीदी हो रही है, लेकिन इसके बाद भी उसे सुरक्षित नहीं रखा जा सका है। खुले में गेहूं रखे होने से कई प्रकार की अन्य समस्याएं भी आती हैं, लेकिन इसके बाद भी उसे सुरक्षित रखने की ओर टालमटौल रवैया देखा जा रहा है। इसके पीछे वजह जो भी कि अन्नदाता की खूनपसीने की कमाई के इस गेहूं को सुरक्षित रखने के पीछे आखिर क्यों इतनी लापरवाही की जा रही है, इसकी बरीकी से जांच-पड़ताल की जाये तो तभी सच्चाई उजागर होगी। 

परिवहन न होने से हो रही समस्या

गेहूं खरीदी केन्द्रों पर पड़े गेहूं क परिवहन नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा किया जाता है, जो किसानों की तुलाई के 48 घंटे बाद परिवहन हो जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। परिवहन न होने से खरीदी केन्द्रों पर 48 घंटे तो दूर कई दिनों से गेहूं पड़ा हुआ है। इसमें चाहे समिति प्रबंधकों की लापरवाही हो या फिर नागरिक आपूर्ति निगम की। खरीदी केन्द्रों में पड़ा हजारों क्विंटल गेहूं को सुरक्षित न रखना एक गंभीर जांच का विषय बन गया है।  

इनका कहना है

जब तक गेहूं खरीदी केन्द्र पर है, तब तक उसकी जिम्मेदारी समिति प्रबंध की है उसे सुरक्षित रखना चहिए। गेहूं का परिवहन तुलाई के 48 घंटे बाद हो जाना चाहिए। यह समस्या परिवहन न होने से हो रही है गेहूं का परिवहन करना नागरिक आपूर्ति निगम का काम है। मैं अभी नागरिक आपूर्ति निगम और समिति प्रबंधकों से परिवहन न होने के संबंध में बात करता हूं। 

अखिलेश निगम 

उपपंजीयक सह. समितियां छतरपुर