मुझे नहीं पता, प्रियंका के दस्तावेज किसने चेक किए

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मंथन न्यूज़ ग्वालियर -सीबीआई ने सोमवार को पीएमटी कांड की आरोपी प्रियंका श्रीवास्तव केस में एक गवाही कराई। जीआरएमसी में एडमिशन मेडिकल कमेटी की तत्कालीन सदस्य डॉ. नीलिमा सिंह ने एमबीबीएस में एडमिशन की प्रक्रिया के बारे में बताया, लेकिन कालेज में प्रियंका के दस्तावेज किसने जांचे, मुझे जानकारी नहीं है। दूसरी ओर दीपक यादव के प्री पीजी फर्जीवाड़े में नगर निगम के राजस्व निरीक्षक व बैंक के बाबू की गवाही कराई।

वर्ष 2010 में प्रियंका की जगह सॉल्वर के रूप में स्वाति सिंह पीएमटी देने आई थी। व्यापमं कांड का खुलासा होने पर एसआईटी ने प्रियंका श्रीवास्तव के खिलाफ केस दर्ज किया था। इस केस की अतिरिक्त जांच कर सीबीआई ने चालान पेश किया था। इस केस की ट्रायल मप्र शासन बनाम शैलेन्द्र निरंजन के नाम से चल रही है। पीएमटी पास करने के बाद एडमिशन की प्रक्रिया बताने के लिए तत्कालीन एडमिशन कमेटी की सदस्य डॉ. नीलिमा सिंह उपस्थित हुईं। उन्होंने बताया कि पीएमटी पास करने के बाद भोपाल में काउंसलिंग होती है। वहां दस्तावेज चेक करने के बाद कॉलेज आंवटित होते हैं। एक निर्धारित तारीख पर छात्र को उपस्थित होना पड़ता है। कॉलेज में भी एक एडमिशन कमेटी होती है। जब छात्र एडमिशन लेने आता है तो वह कमेटी दस्तावेजों की जांच करती है। उसके बाद एडमिशन होता है। प्रियंका श्रीवास्तव के दस्तावेज किसने चेक किए, कुछ पता नहीं है। हो सकता है मैंने भी दस्तावेज चेक किए हों। वर्ष 2010 की कोई बात याद नहीं है। इसलिए मैं कुछ नहीं बता सकती।
दीपक ने दिया था कल्पना नगर का पता
सीबीआई ने पीएमटी कांड के सरगना दीपक यादव के प्री पीजी फर्जीवाड़े के केस में दो गवाह कराए। दीपक यादव ने स्थानीय परिजन व निवास स्थान सीपी कॉलोनी के पास स्थित कल्पना नगर में बताया था। उसकी पुष्टि के लिए नगर निगम के अधिकारी प्रमेंद्र सिंह की गवाही कराई। उन्होंने बताया कि कल्पना नगर में जो मकान है वह विद्याबाई के नाम से है। इसका टैक्स जमा होता है। इसमें कौन रहता है मुझे कोई जानकारी नहीं। वहीं, भारतीय स्टेट बैंक के बाबू अनिल की गवाही कराई। उन्होंने बताया कि दीपक यादव के खाते की डिटेल व हस्ताक्षर का नमूना सीबीआई को मैंने उपलब्ध कराया था। उल्लेखनीय है कि दीपक यादव पर सॉल्वर बिठाकर प्री पीजी पास करने का आरोप है। एसआईटी ने दीपक यादव के खिलाफ केस दर्ज किया। सीबीआई ने अतिरिक्त जांच कर कोर्ट में चालान पेश किया है। जिसकी विशेष सत्र न्यायालय में ट्रायल चल रही