मंथन न्यूज़ भोपाल -विधानसभा सत्र के दौरान सदन में अध्यक्ष के आसंदी पर आने के समय अब अधिकारियों को भी उनके सम्मान में खड़ा होना होगा। अभी तक अधिकारी इस व्यवस्था से मुक्त थे, लेकिन विधानसभा की पहल पर संसदीय कार्य विभाग ने गुरुवार को इसके आदेश जारी कर दिए। नई व्यवस्था के तहत श्रद्धांजलि के समय भी अधिकारी दीर्घा सदन का हिस्सा मानी जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक विधानसभा के कई सदस्यों ने अधिकारियों के सदन में व्यवहार को लेकर आपत्ति उठाई थी। दरअसल, अधिकारी दीर्घा सदन का हिस्सा नहीं मानी जाती है, इसलिए जब अध्यक्ष सदन में आते थे, तब मुख्यमंत्री से लेकर सभी सदस्य तो उनके सम्मान में अपने स्थान पर खड़े होते थे, लेकिन अधिकारी बैठे रहते थे।
इसी तरह सदन में किसी व्यक्ति को श्रद्धांजलि देने के समय भी अधिकारी अपनी जगह से उठते नहीं थे। इस व्यवस्था को बदलने के लिए विधानसभा की समिति ने सिफारिश की थी। विधानसभा सचिवालय ने समिति की सिफारिश संसदीय कार्य विभाग को भेजी थी, जिस पर मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह से सहमति लेकर गुरुवार को नई व्यवस्था के आदेश जारी कर दिए गए।
राज्यपाल के अभिभाषण के वक्त मौजूद रहें प्रमुख सचिव
उधर, सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को राज्यपाल के अभिभाषण में उनके विभाग से जुड़े बिन्दुओं को लिखने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि प्रमुख सचिव भी इस दौरान मौजूद रहें। अभिभाषण में कृतज्ञता ज्ञापन पर चर्चा के दौरान संशोधन भी प्रस्तुत होंगे। इस पर विभाग टीप बनाकर उसी दिन मुख्यमंत्री सचिवालय, मुख्य सचिव कार्यालय और संसदीय कार्य विभाग को भेजें।
लंबित मामलों में राजस्व से 50 फीसदी नीचे ही रहना
मुख्य सचिव बीपी सिंह ने बजट सत्र को लेकर प्रमुख सचिवों के साथ गुरुवार को मंत्रालय में बैठक की। इस दौरान उन्होंने राजस्व विभाग के सर्वाधिक लंबित मामलों को देखते हुए व्यंग्य स्वरूप कहा कि सभी विभागों को इससे 50 फीसदी कम ही रहना है। संसदीय कार्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मंत्रियों के एक हजार से ज्यादा आश्वासन लंबित हैं। 600 प्रश्नों के जवाब अधूरे हैं तो 428 लोकलेखा की आपत्तियों का निराकरण विभागों ने नहीं किया है। मुख्य सचिव के बाद अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सत्र को लेकर जल्द ही समीक्षा करेंगे।
पूनम पुरोहित
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