मीडिया से अस्पताल की हकीकत सुनकर असहज से दिखाई पडें आईएएस अंकित अष्ठाना


 मंथन नयूज  शिवपुरी ! अस्पताल की हकीकत जान हतप्रभ रह गए आईएएस अष्ठाना

मीडिया से रूबरू होते समय आई हकीकत सामने

बोले-अब आपके सहयोग से करूंगा सुधार के प्रयास

शिवपुरी। अपने प्रमोशरी पीरियड के दौरान शिवपुरी जिले में पदस्थ किए गए आईएएस अंकित अष्ठाना को कलेक्टर शिवपुरी द्वारा जिला चिकित्सालय का प्रभारी भी बनाया गया। मकसद यह था कि उनकी देखरेख और निर्देशन में जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाओं को सुधारा जा सके। लगभग 20 से 25 दिन के कार्यकाल में अस्पताल का सूक्ष्म निरीक्षण करने के बाद शुक्रवार को श्री अष्ठाना इस मकसद से मीडिया से रूबरू हुए कि वे अपने अब तक के कार्यकाल की उपलब्धियां एवं किए गए सुधार कार्य उनके सामने रखेंगे। उनका मकसद यह भी था कि मीडिया और अस्पताल प्रबंधन के बीच चल रही भ्रामक स्थित को भी दूर किया जा सके, लेकिन मीडिया से रूबरू होने के दौरान उनके सामने पत्रकारों ने जिला चिकित्सालय की जो हकीकत बयां की वह उनके लिए न सिर्फ चौकाने वाली थी, बल्कि वे अब तक इन सबसे अंजान भी नजर आए। लगभग एक सुर में सभी पत्रकारों ने उनके सामने अस्पताल एवं अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक एवं स्टाफ की जो रिपोर्ट पेश की वह उन्हें चौकाने वाली थी। पत्रकारवार्ता में अंकित अष्ठाना को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ द्वारा जिला चिकित्सालय का जो सच परोसा गया उसे सुनकर वे न सिर्फ असहज दिखाई दिए, बल्कि यह भी कहने से नहीं चूके कि वे मीडिया के सहयोग से जिला चिकित्सालय के परिदृश्य को बदलने के लिए प्रयत्नशील रहेंगे। 

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अष्ठाना ने क्या अनुभव किया था अस्पताल में

सर्वप्रथम मेडीकल प्रभारी आईएएस अंकित अष्ठाना ने जिला चिकित्सालय के अपने कार्यकाल का अनुभव पत्रकारों के समक्ष रखा। उनका मानना था कि अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था में खामी है, साथ ही पर्याप्त स्टाफ न होना भी उनके लिए चिंता का विषय था। इसके अलावा उन्होंने सबसे ज्यादा चिंता इस बात पर जताई कि यहां पदस्थ चिकित्सक और स्टाफ में भय का वातावरण है। उनका मानना था कि यहां आने वाले मरीज एवं उनके अटेंडर आए दिन चिकित्सकों एवं स्टाफ के साथ अभद्रता करते हैं परिणामस्वरूप चिकित्सक एवं स्टाफ अपने आपको असुरिक्षत महसूस कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने साफतौर पर यह भी कहा कि उन्होंने जिला चिकित्सालय में पत्रकारों के प्रवेश संबंधी कोई गाइडलाइन कभी तय नहीं की जो भी कुछ सामने आया वह सच नहीं था। 

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श्री अष्ठाना के अनुभव पर पत्रकारों ने लगाया प्रश्नचिन्ह

आईएएस अष्ठाना के अपने जिला चिकित्सालय कार्यकाल के अनुभव शेयर करने के बाद पत्रकारों ने एकाएक सवालों की झड़ी लगा दी। सर्वप्रथम पत्रकारों ने उन्हें बताया कि आपका अनुभव पूरी तरह गलत है और जो कुछ आपको चिकित्सकों से पता चला उसी के आधार पर आपने अपना अनुभव रखा। पत्रकारों का कहना था कि जिला चिकित्सालय की ओपीडी के निर्धारित समय सुबह 8 बजे से 1 बजे तक कभी भी चिकित्सक पूरे समय नहीं बैठते। अधिकांश समय वे राउण्ड की आड़ लेकर ओपीडी से बाहर ही बने रहते हैं जो यहां आने वाले मरीजों के लिए खासा परेशानी वाला विषय रहता है। वहीं दूसरी ओर पत्रकारों ने उनकी उस बात पर भी वस्तुस्थिति स्पष्ट की जिसमें उनका कहना था कि चिकित्सकों एवं स्टाफ में भय का वातावरण है। पत्रकारों का कहना था कि यहां भी आपका अनुभव गलत है जबकि सच्चाई यह है कि यहां आने वाले मरीज एवं उनके अटेंडर चिकित्सकों के व्यवहार से भयभीत रहते हैं। यहां तक कि मीडियाकर्मियों ने स्वयं को भी अस्पताल में कवरेज करने से असहज बताया। पत्रकारों का कहना था कि इस चिकित्सालय के चिकित्सक यहां वर्षों से जमे होकर पूरी तरह मनमानी पर आमदा हैं और उनका व्यवहार जिला चिकित्सालय आने वाले मरीजों से सेवाभावी न होकर पूरी तरह हिटलरशाही का होता है, साथ ही पत्रकारों ने सुरक्षा संबंधी सवाल के जबाव में उनसे यह कहा कि लगभग साढ़े तीन लाख रुपए प्रतिमाह सुरक्षा के नाम जिला अस्पताल खर्च करता है उसके बाद भी यदि सुरक्षा ठीक नहीं है तो ऐसी व्यवस्था का क्या फायदा?