मंथन थॉमस अल्वा एडीसन को दुनिया सनकी वैज्ञानिक मानती थी। इसके पीछे कारण यह था कि उन्होंने कोशिश करने की सारी हदों को तोड़ दिया। इन्होंने न सिर्फ इलेक्ट्रिक बल्ब बल्कि फोनोग्राफ सहित कई महत्वपूर्ण चीजों का आविष्कार किया था, लेकिन इलेक्ट्रिक बल्ब की वजह से ही उन्हें पूरी दुनिया में खास व अच्छी पहचान मिली।
उनके सनक से कई किस्से जुड़े हैं। उनमें से एक है उनका अपने सहयोगियों के लिए लिया जाने वाला साक्षात्कार जो काफी कठिन और अजीबोगरीब था। इस साक्षात्कार को एडीसन खुद लेते थे और इस दौरान वे आवेदनकर्ता के सामने सूप का एक कटोरा रख देते थे। इस सूप के कटोरे से ही उस आवेदनकर्ता का साक्षात्कार संपन्न होता था। इस सूप परीक्षा को पास करने वाले को ही उनके सहयोगी का काम मिल पाता था।
एडीसन संभावित कर्मचारी के सामने जो सूप रखते थे, यदि उसमें वो नमक मिलाता था, तो उसे पहली बार में ही नौकरी के लिए अयोग्य कर दिया जाता था। दरअसल एडीसन के इस टेस्ट का मूल उद्देश्य संभावित कर्मचारी के दिमाग में बैठी धारणाओं को परखना था। उनका मानना था कि प्रचलित धारणाओं के साथ कोई भी विशेष कार्य नहीं किया जा सकता।
नींद से भी था परहेज
एडीसन की गिनती उन शख्सियतों में होती है, जिन्हें नींद से एक तरह का परहेज था। दरअसल, एडीसन ने अपने लिए एक विशेष प्रकार की निद्रा प्रणाली, जिसे पॉलीफेसिक स्लीप साइकल कहते हैं, विकसित कर ली थी। इससे वो सो भी लेते थे और उनके पास अपना काम करने के लिए अधिक वक्त रहता था। वर्तमान समय में पॉलीफेसिक स्लीप साइकल की प्रसिद्धि काफी बढ़ गई है, ऐसा इसलिए क्योंकि यह उत्पादकता बढ़ाती है। दुर्भाग्यवश पॉलीसेफिक स्लीपिंग पर हुए अधिकतर प्रयोगों का परिणाम बहुत सफल नहीं रहा है।
इसके अलावा थॉमस एडीसन के जीवन से जुड़े कुछ और भी अनजाने पहलू हैं। आइए डालते हैं उनपर भी एक नजर...
- थॉमस एडीसन का पहला आविष्कार इलेक्ट्रिक डिवाइस मशीन थी।
- 11 फरवरी 1847 को अमेरिका के ओहियो राज्य में जन्मे एडीसन चार साल की उम्र तक बोलना भी नहीं सीखे थे।
- एडीसन को बचपन से सुनने में समस्या थी और इस वजह से उन्हें मंदबुद्धि का माना जाता था।
- एडीसन को बचपन में यूनिफॉर्म की वजह से स्कूल से निकाल दिया गया था। गरीबी की वजह से एडीसन के पास यूनिफॉर्म खरीदने के पैसे नहीं थे।
- स्कूल द्वारा निकाले जाने के बाद उनकी मां ने उन्हें घर पर ही पढ़ाने का फैसला किया।
- एडीसन ने अपनी पहली प्रयोगशाला सिर्फ 10 साल की आयु में ही बना ली थी। एडीसन का ज्यादातर समय प्रयोगशाला में ही बीतता था।
- एडीसन को उनकी मां ने एक ऐसी पुस्तक दी, जिसमें कई सारे रासायनिक प्रयोग दिए हुए थे। एडीसन को यह पुस्तक भा गई और उन्होंने अपने सारे पैसे रसायनों पर खर्च करके यह सारे प्रयोग कर डाले।
- एडीसन बिजली का बल्ब बनाने में 10,000 बार से अधिक बार असफल हुए पर हार नहीं मानी और अंत में बल्ब की खोज कर दुनिया को रोशन कर दिया।
- जब उनसे पूछा गया कि आप बिजली के बल्ब बनाते समय 10,000 बार असफल हुए तब क्या आप निराश नहीं हुए? तब एडीसन ने कहा कि मैं असफल नहीं हुआ हूं। मैंने बस 10,000 ऐसे तरीके खोज लिए हैं जो काम नहीं करते हैं।
- बचपन में भी वे अजीबोगरीब हरकतों के लिए जाने जाते थे। एक बार चिड़ियों को कीड़े खाते देखकर उन्होंने यह सोचा कि उड़ने के लिए कीड़े खाना शायद जरुरी है। बस उन्होंने कुछ कीड़े इकट्ठे कर उसका घोल बनाकर अपने दोस्त को पिलाने की कोशिश की। इसके पीछे उनकी यह जानने की कोशिश थी कि उनका दोस्त इसके बाद उड़ता है या नहीं।
- एडीसन ने अपने अविष्कारों के लिए 1,000 से भी ज्यादा पेटेंट प्राप्त किए।
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