अमर्त्य सेन को लेकर बनी डॉक्यूमेंट्री पर सेंसर की कैंची

मंथन न्यूज़ दिल्ली नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘एन आगुर्मेंटेटिव इंडियन’ विवादों के घेरे में आ गया है। सेंसर बोर्ड ने इसमें इस्तेमाल कुछ शब्दों पर आपत्ति जताते हुए उन्हें वृत्तचित्र से हटाने को कहा है। लेकिन निर्देशक सुमन घोष ने कहा है कि वह सेंसर बोर्ड की बात मानने की बजाय अपने डॉक्यूमेंट्री को ऑनलाइन रिलीज करेंगे। 

सेंसर बोर्ड ने ‘गाय’ समेत चार शब्दों को डॉक्यूमेंट्री से हटाने को कहा है। इन शब्दों का इस्तेमाल अमर्त्य सेन ने डॉक्यूमेंट्री में प्रस्तुत अपने साक्षात्कार के दौरान किया है। बोर्ड की दलील है कि इन शब्दों से देश की छवि पर असर पड़ेगा। घोष ने बुधवार को कहा कि बोर्ड ने अमर्त्य सेन की टिप्पणी से चार-पांच शब्द हटाने को कहा है। उन्होंने कहा, लेकिन मैं एक भी शब्द हटाने नहीं जा रहा। यदि कोई नतीजा नहीं निकलता है तो मुझे इसको ऑनलाइन रिलीज करने की आजादी है। 

उन्होंने कहा कि वह कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। यदि जरूरत पड़ेगी तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। लेकिन ऐसा कोई कदम उठाने से पहले वह सेंसर बोर्ड के अधिकारियों को समझाने की कोशिश करेंगे। 

करीब एक घंटे लंबे इस डॉक्यूमेंट्री में अमर्त्य सेन को अपने विद्यार्थियों और अर्थशास्त्र के प्राध्यापक कौशिक बसु के साथ बेतकल्लुफी से बातचीत करते दिखाया गया है। इस फिल्म की न्यूयॉर्क और लंदन में पहले ही स्क्रीनिंग हो चुकी है। इस डॉक्यूमेंट्री को इसी शुक्रवार को रिलीज किया जाना था।