बुलेट ट्रेन जैसी बड़ी परियोजनाओं से सीमेंट की मांग में बदलाव : सीएमए

मंथनन्यूज दिल्ली देश के सीमेंट क्षेत्र का करीब 60,000 करोड़ रुपये का निवेश अधिशेष क्षमता में बेकार पड़ा है. सीमेंट विनिर्माता संघ (सीएमए) का कहना है कि अब कई बड़ी परियोजनाएं मसलन द्रुत गति का रेल गलियारा, बुलेट ट्रेन आदि आ रही हैं, जिससे सीमेंट उद्योग की मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी.

सीएमए के अनुसार इस समय उद्योग के पास 10 करोड़ टन की अधिशेष क्षमता है. ऐसे में बड़ी परियोजनाओं की वजह से हर साल आने वाली तीन से पांच करोड़ टन की अतिरिक्त मांग को पूरा करने के लिए वह संतोषजनक स्थिति में है.

सीएमए के अध्यक्ष शैलेंद्र चौकसे ने कहा, बुनियादी ढांचा परियोजनाएं सीमेंट खपत का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, लेकिन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में प्रत्यक्ष सीमेंट खपत अधिक ऊंची नहीं है. कुल सीमेंट मांग में इसका हिस्सा सिर्फ 20 प्रतिशत है. उनसे पूछा गया था कि सरकार द्वारा मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन जैसी बड़ी परियोजनाओं पर ध्यान देने से किस तरह सीमेंट की मांग में बदलाव होगा.

उन्होंने कहा कि कई विकास गतिविधियां बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं मसलन द्रुत गति के रेल गलियारे या बुलेट ट्रेन से जुड़ी हैं. इससे कई तरह की अन्य गतिविधियां मसलन औद्योगिक विकास, व्यापार और रोजगार सृजन को भी प्रोत्साहन मिलेगा.