मंथनन्यूज दिल्ली जल्द ही ड्राइविंग लाइसेंस भी आधार से लिंक होगा. यह बात केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कही है. हालांकि, उन्होंने यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर (आधार) के साथ ड्राइविंग लाइसेंस को लिंक करने की कोई समय अवधि नहीं दी है. केंद्र सरकार के इस कदम का मकसद फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने पर रोक लगाना है. आधार से जुड़े होने से आपके सारे बायोमीट्रिक डिटेल्स सरकारी एजेंसियां ड्राइविंग लाइसेंस से पता कर सकेंगी. ऐसे में अगर कोई शख्स दो ड्राइविंग लाइसेंस बनाना चाहता है तो उसकी चोरी पकड़ी जाएगी.
‘मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए पैन को आधार से लिंक किया गया’
रवि शंकर प्रसाद ने डिजिटल हरियाणा समिट 2017 में कहा, ‘हम ड्राइविंग लाइसेंस को आधार के साथ लिंक करने की योजना बना रहे हैं. मैंने इस बारे में यूनियन मिनिस्टर नितिन गडकरी जी के साथ बातचीत की है.’ उन्होंने कहा, ‘डिजिटल आइडेंटिटी, डिजिटल टेक्नोलॉजी की मदद से फिजिकल आइडेंटिटी को कंफर्म करती है.’ प्रसाद ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए पैन को आधार से लिंक किया गया था.
किन चीजों के लिए जरूरी हुआ आधार
सरकार जहां अब ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से लिंक करने की योजना बना रही है. वहीं, इससे पहले पैन कार्ड और आपके मोबाइल नंबर को आधार से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है. अगर आपने पैन कार्ड को आधार से लिंक नहीं किया तो आपके लिए आईटीआर फाइल करने में दिक्कत हो सकती है.
सरकार ने शुरू कर दी है तैयारी
खबरों के मुताबिक, सरकार अगले महीने इस प्रस्ताव को अमली जामा पहना सकती है. पहले अगर किसी व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन या फिर आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहने पर रद्द कर दिया जाता था तो ऐसे लोग दूसरी जगह से दोबारा ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लेते थे. कई ड्राइविंग लाइसेंस हासिल कर आपराधिक प्रवृति के व्यक्ति अपनी पहचान छुपाने में भी कामयाब हो जाते थे. लेकिन आधार नंबर का बायोमैट्रिक डिटेल ऐसी हर किसी धोखाधड़ी पर रोक लगाने में सफल हो सकेगा.
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