अब CA बनना हुआ ज्यादा मुश्किल, बदला प्रवेश का तरीका

पूनम पुरोहित  मंथन न्यूज़ इंदौर -चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने की राह अब और कठिन हो गई है। इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने कोर्स में बदलाव कर दिया है। इंस्टिट्यूट के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीए नीलेश एस. विकामसे ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
chartered accountant exam 20171230 11549 30 12 2017उनके मुताबिक बदलाव से कोर्स में प्रवेश कठिन हो जाएगा। अब तक कहा जा रहा था कि सीए के लिए एंट्री तो आसान है लेकिन अंदर स्टूडेंट फंस जाता है और पास नहीं हो पाता। इसलिए एंट्री को भी थोड़ा मुश्किल किया गया है। इससे हमारा इनपुट-आउटपुट अनुपात सुधर जाएगा।
शुक्रवार को सीए की नेशनल कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन समारोह से पहले इंस्टिट्यूट अध्यक्ष ने यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि हमने सीपीटी को फाउंडेशन कोर्स में बदल दिया है। पहले 200 अंकों का ऑब्जेक्टिव पेपर होता था। अब 400 अंकों का कर दिया गया है।
इसमें 200 अंकों का ऑब्जेक्टिव और 200 का सब्जेक्टिव पेपर होगा। इंडस्ट्री के सुझाव के आधार पर कुछ नए विषय जोड़े गए हैं। बिजनेस इकोनॉमिक्स और जनरल फाइनेंशियल नॉलेज विशेष शामिल किए गए। फाइनल में पहले आईटी का 100 अंकों का पर्चा होता था, जिसे अब प्रैक्टिकल में शिफ्ट कर दिया गया है।
छात्रों की पसंद से एक ऐच्छिक पेपर भी जोड़ा गया है। सीए एसोसिएशन ने तीन साल के रिसर्च के बाद ये बदलाव किए हैं। कोर्स को ज्यादा वैश्विक और इंटरनेशनल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड के अनुरूप बना दिया गया है।
'नेफरा' से नाराजगी
सीए एसोसिएशन के अध्यक्ष नोटबंदी और जीएसटी को बड़ा और साहसिक कदम करार दे रहे हैं। सीए विकामसे ने कहा कि ग्रोथ रेट में कमी शॉर्ट टर्म इफेक्ट है। इससे दीर्घकाल में देश को लाभ मिलेगा। हालांकि सीए सरकार द्वारा प्रस्तावित नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (नेफरा) के विरोध में हैं।
इसके जरिये सरकार ऑडिट-अकाउंटिंग गड़बड़ियों की दशा में सीए पर दंडात्मक प्रावधान लाना चाह रही है। आईसीएआई अध्यक्ष के मुताबिक नेफरा की हमारे यहां बिल्कुल जरूरत नहीं है। आईसीएआई संसद द्वारा गठित इंस्टिट्यूट है।
लोगों को गलतफहमी है कि हम पूरी तरह स्वनियंत्रित हैं। हम पर सरकार की पूरी निगरानी है। कैग, रिजर्व बैंक, सेबी जैसी तमाम संस्थाओं के प्रतिनिधि हमारी समितियों में हैं। बिना इनकी मंजूरी के हम एक भी कदम नहीं बढ़ा सकते।