शासकीय सेवा में अभिन्न अंग रहे पेंशनर्स, इन्हें संरक्षित रखना हमारा काम : तरुण राठी

पूनम पुरोहित मंथन न्यूज़ शिवपुरी -जीवन में शासकीय सेवा करने के बाद कोई भी पेंशनर्स अपने अधिकार से वंचित न रहे इसके लिए हमारे प्रयास होंगें, क्योंकि शासकीय सेवा के दौरान यही पेंशनर्स अभिन्न अंग थे। इसलिए अब सेवानिवृत्ति के बाद भी इन्हें संरक्षित रखना हमारा मुख्य काम है। हम किसी भी प्रकार से पेंशनर्स को परेशान नहीं होंने देंगें, उनकी समस्याएं जो भी हैं उनके लिए शिविर लगाकर समस्याएं सुनी जाएंगी और निराकरण किया जाएगा। पेंशनर्स दिवस के अवसर पर सभी पेंशनर्सों को शुभकामनाएं कि वह दीर्घायु हो और अपने घर-परिवार व समाज की सेवा में अनवरत रूप से यूं ही कार्य करते रहे। यह बात कलेक्टर तरुण राठी ने स्थानीय होटल पीएस रेसीडेंस में पेंशनर्स दिवस पर आयोजित पेंशनर्स एसोसिएशन के सम्मान समारोह कार्यक्रम को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित करते हुए कही।Image result for तरुण राठी ki photo
कार्यक्रम की अध्यक्षता पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार पांडे ने की जिन्होंने पेंशनरों को हर संभव सुरक्षा प्रदाय करने पर प्रतिबद्घता जताई। इसके अलावा कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि छवि जैन जिला पेंशन अधिकारी ने भी सभी पेंशनरों को आश्वस्त किया कि उन्हें मिलने वाली पेंशन में यदि कोई दिक्कत परेशान आए तो वह सीधें संपर्क करें, पेंशनर्स की हर समस्या का समाधान किया जाएगा। विशिष्ट अतिथियों में डॉ.जीडी अग्रवाल, जैनेन्द्र श्रीमाल व गोपालकृष्ण बंसल रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन गिरीश मिश्रा मामा ने जबकि आभार हरीशचंद्र भार्गव द्वारा व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में 75 वर्ष से अधिक के 90 पेंशनरों का शॉल-श्रीफल व माल्यार्पण कर सम्मान किया गया।
इसलिए मनाया जाता है पेंशनर्स दिवस
पेंशनर्स दिवस पर प्रकाश डालते हुए अपने प्रगति प्रतिवेदन व स्वागत भाषण में पेंशनर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अशोक सक्सेना ने बताया कि पेंशनर्स दिवस क्यों मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि 1985 में एक समय जब सरकारी कर्मचारी-अधिकारियों की पेंशन सरकार खत्म करने को हुई तो पेंशनर्स संगठन एकत्रित हुए और यह मामला न्यायालय पहुंचा। यहां हाईकोर्ट के बाद मामला पेंशनर्स और सरकार के बीच सहमति हुई तो पेंशनर्स की पेंशन देने के लिए सरकार राजी नहीं हुई और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा यहां न्यायाधीश वायजी चंद्रचूड़ ने पेंशनर्स हित में ऐतिहासिक फैसला दिया कि पेंशन शासकीय सेवकों की भीख नहीं की बंद किया जाए, यह उसे शासन में दिए गए अमूल्य योगदान का प्रतिफल है। सन्‌ 1985 में तत्कालीन मुख्य सचिव ने पेंशनर्स की समस्याओं को देखते हुए संगठन की गठन करने का प्रस्ताव रखा और 17 दिसंबर 1989 में तत्कालीन कर्मचारी नेताओं द्वारा पेंशनर एसोसिएशन का गठन हुआ। जो कि शासन द्वारा मान्य प्राप्त संगठन है। इसलिए प्रतिवर्ष 17 दिसंबर को प्रतिवर्ष पेंशनर्स दिवस मनाया जाता है।

कैप्शन : पेंशनर्स दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मौजूद अतिथि व पेंशनर्स।