1996 में शुरु हुआ बीदर-बेंगलुरू रेल प्रोजेक्ट काफी समय तक लटका रहा. इस प्रोजेक्ट की कीमत 1542 करोड़ है. बताया जा रहा है कि इस लाइन के शुरु होने के बाद बेंगलुरू से दिल्ली का सफर काफी छोटा हो जाएगा. उजिरे में प्रधानमंत्री ने कहा,‘मैं खुश हूं कि मुझे भगवान मंजूनाथ की पूजा करने का मौका मिला.’ अपने भाषण में पीएम ने भारत के डेमोग्राफिक डिविडेंड का लाभ उठाने की बात कही.
उन्होंने ये भी कहा कि हमें प्रकृति के साथ समन्वय स्थापित करते हुए रहना होगा और छोटे फायदे के बारे में सोचना बंद करना होगा. हमें यूरिया का उपयोग करना कम करना होगा. हम रहें या न रहें, इस देश को बर्बाद नहीं होने देंगे. हमने अपने लिए जीना ही नहीं सीखा है.
उन्होंने ये भी कहा, "कौन सा पंजा (कांग्रेस का चुनाव चिह्न) है, जो एक रुपये को घिसकर 15 पैसे बना देता है. हमने तय किया है कि दिल्ली से एक रुपये निकलेगा, तो गरीबों को 100 पैसा पहुंचेगा.
प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के किसानों से ड्रिप से सिंचाई की तकनीक को अपनाने की बात कही ताकि पानी की बचत की जा सके. उन्होंने कर्नोटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस यदुरप्पा की तारीफ करते हुए कहा कि यदुरप्पा मुख्यमंत्री रहते हुए मुझसे किसानों की भलाई की बात करते रहते थे.
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