GST: 1 जुलाई से पहले खरीदारों से पूरा एडवांस नहीं मांग सकते बिल्डर

नई दिल्ली। जीएसटी लागू होने से पहले सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है। केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि 1 जुलाई से पहले कोई भी बिल्डर निर्माणाधीन प्रोजेक्ट (फ्लैट-मकान) को लेकर खरीदार से पूरे एडवांस भुगतान की मांग नहीं कर सकता है। सरकार को आशंका है कि 1 जुलाई से लागू होने जा रहे जीएसटी के टैक्स से बचने के लिए बिल्डर खरीदारों पर ऐसा दबाव डाल सकते हैं। इस आदेश का पालन नहीं करने पर बिल्डरों के खिलाफ मुनाफाखोरी की धारा के तहत कार्रवाई की जाएगी।

बाद में भी ग्राहकों पर नहीं पड़ना चाहिए असर

सरकार ने सभी मुख्यमंत्रियों और बिल्डर एसोसिएशन्स से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स का बोझ घर खरीदने वालों पर न पड़े। वेंकैया ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी है, जिसमें कहा है कि जीएसटी लागू होने के बाद रियल एस्टेट प्रोजेक्ट पर लगने वाला कुल कर मौजूदा करों से कम हो जाएंगे। यह फायदा भी बिल्डर अपनी जेब में रखने के बजाए ग्राहकों को दें।

इससे पहले वित्त मंत्रालय भी बिल्डरों को चेतावनी दे चुका है कि वे जीएसटी से पहले ग्राहकों को पूरा भुगतान करने का दबाव न डालें। सरकार को कई बिल्डरों के खिलाफ ऐसी शिकायत मिली है।

सरकार का कहना है कि वर्तमान में फ्लैट, कॉम्प्लेक्स और भवनों पर जितना केंद्रीय और राज्य सरकार द्वारा अप्रत्यक्ष कर लिया जाता है, जीएसटी लागू होने के बाद उससे कम कर लगेगा। जीएसटी के अंतर्गत 12 फीसदी कर लगेगा, जिसमें इनपुट क्रेडिट की छूट मिलेगी।

हालांकि नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नरेडको) का कहना है कि जीएसटी से छोटे मकानों के दाम पर खास फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन बड़े मकान महंगे हो जाएंगे।