मंथन ऩ्यूज दिल्ली लंदन. ब्रिटेन और यूरोप में मंगलवार को एक बार फिर साइबर अटैक हुआ। Experts इसे नए तरह का वायरस अटैक बता रहे हैं। रूस, ब्रिटेन और यूक्रेन में इस रैनसमवेयर अटैक का सबसे ज्यादा असर अभी तक सामने आया है। यूक्रेन के पीएम ने कहा कि ऐसा साइबर अटैक पहले कभी नहीं देखा। यहां डिप्टी पीएम ने कहा कि वायरस अटैक की वजह से सरकारी कम्प्यूटर नेटवर्क डाउन हो गया। हालांकि, अभी तक कहीं से भी हैकर्स की डिमांड की रिपोर्ट्स सामने नहीं आई हैं। बता दें पिछली बार हुए साइबर अटैक में विश्व के 150 देश प्रभावित हुए थे, इनमें भारत भी शामिल था।रशियन ऑयल कंपनी पर भी असर...
- न्यूज पेपर डेली मेल के मुताबिक, इस रैनसमवेयर अटैक से दुनिया की सबसे बड़ी ब्रिटिश एडवर्टाइजिंग फर्म और रशियन ऑयल कंपनीज भी प्रभावित हुई हैं।
- लंदन की WPP ऐड एजेंसी ने ब्रिटेन में सबसे पहले साइबर अटैक की शिकायत की। कंपनी ने कहा कि उसके स्टाफ के कम्प्यूटर अचानक बंद हो गए और वे वाई-फाई का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।
किन देशों पर असर?
- फिलहाल ब्रिटेन, यूक्रेन, नॉर्वे, रूस, डेनमार्क और फ्रांस ने साइबर हमले की पुष्टि की है।
भारत में अटैक हुआ?
- अभी तक भारत में साइबर अटैक की कोई खबर नहीं है।
नए वायरस का क्या नाम है?
- मौजूदा साइबर अटैक भी WannaCry वायरस की ही तरह है। इसे Petya या Petwrap कहा जा रहा है। ब्रिटेन में इस वायरस को GoldenEye नाम दिया जा रहा है। ये यूजर के कम्प्यूटर सिस्टम पर अटैक करता है और उसे लॉक कर देता है।इसके बाद वो इसे खेलने के लिए की परचेज करने की बात कहता है। Experts का कहना है कि ये वायरस ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला साबित हो सकता है।
ब्रिटेन में कहां-कहां साइबर अटैक?
- ब्रिटेन के चेर्नोबायल में रेडिएशन मॉनिटर करने वाले सिस्टम पर भी साइबर अटैक हुआ है। इसके साथ ही यूएस की फार्मास्यूटिकल कंपनी पर भी इसका असर देखा गया।
- विश्व की सबसे बड़ी ऐड एजेंसी WPP ने अपने स्टाफ से कम्प्यूटर बंद करने को कहा। लंदन साउथ बैंक में कंपनी के एक इम्प्लॉई ने कहा कि हमें सिस्टम बंद करने, वाई-फाई या सर्वर का इस्तेमाल न करने को कहा गया। इस कंपनी के दुनियाभर में 2 लाख से ज्यादा इम्प्लॉई हैं।
यूक्रेन में कौन सी सर्विसेस पर असर?
- यूक्रेन के नेशनल बैंक ने कहा कि साइबर अटैक ने देश में कुछ लेंडर्स पर असर पड़ा है। साइबर अटैक के चलते ऑपरेशंस पर असर पड़ा है और फाइनेंशियल इस्टीट्यूट्स को सिक्युरिटी बढ़ाने को कहा गया है। हैकर्स ने कुछ बैंक की वेबसाइट हैक की,जिसके चलते कस्टमर्स को सर्विस देने में परेशानी आई।
- यूक्रेन की पावर कंपनी काइवेनेरगो पर भी साइबर अटैक हुआ। कंपनी ने कहा कि इसके चलते हमें अपने सभी कम्प्यूटर्स बंद करने पड़े। डिलिवरी सर्विस नोवा पोश्ता पर भी अटैक हुआ। इसके अलावा एयरपोर्ट पर भी असर पड़ा है।
- इसके अलावा सुपर मार्केट टिल्स, ATMs, एयरक्राफ्ट बनाने वाली कंपनी एंटोनोव भी साइबर अटैक की चपेट में आ गए। यूक्रेन की सिक्युरिटी काउंसिल ने इस साइबर हमले का आरोप सबसे पहले रूस पर लगाया है।
रूस पर कितना असर?
- रूस में ऑयल कंपनी रोजनेफ्ट पर भी रेनसमवेयर अटैक हुआ। कंपनी ने कहा, "साइबर अटैक के चलते कंपनी का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ। कंपनी सर्वर्स को हैक कर लिया गया। उम्मीद है कि ये घटना मौजूदा लीगल प्रॉसीजर से जुड़ी हुई नहीं है।"
पिछली बार भारत समेत 100 देशों पर पड़ा था असर
- इसी साल मई में भारत समेत दुनियाभर के 100 देशों में इतिहास का सबसे बड़ा साइबर अटैक हुआ था। इसकी शुरुआत यूके की नेशनल हेल्थ सर्विस से हुई। यूके के कई हॉस्पिटल्स में कम्प्यूटर्स और फोन बंद हो गए। इसके बाद कई देशों में अस्पतालों, बड़ी कंपनियों और सरकारी दफ्तरों की वेबसाइट्स पर अटैक हुआ। इसे रैनसमवेयर अटैक कहा जा रहा था। यह ऐसा वायरस है जिससे डाटा लॉक हो जाता है। उसे अनलॉक करने के लिए हैकर्स बिटकॉइंस या डॉलर्स में रकम मांगते हैं। भारत में इस वायरस का असर आंध्र प्रदेश के पुलिस नेटवर्क पर पड़ा है। आंध्र पुलिस का 25% इंटरनेट नेटवर्क भी ठप्प पड़ गया था।
पिछली बार साइबर अटैक किसने किया?
- एक सॉफ्टवेयर को 14 अप्रैल को एक ग्रुप 'शैडो ब्रोकर्स' ने बनाया और इसे ऑनलाइन डाल दिया। दावा किया गया कि अमेरिका की नेशनल सिक्युरिटी एजेंसी (NSA) से साइबर वेपन चोरी किया गया।
कैसे हुआ था अटैक, क्या थी डिमांड?
- रैनसमवेयर एक तरह का सॉफ्टवेयर वायरस है। इसके कंप्यूटर में आते ही आप अपनी कोई भी फाइल का इस्तेमाल नहीं कर सकते। अगर आप दोबारा फाइल खोलना चाहेंगे तो आपको हैकर्स को 300 बिटकॉइन (करीब 3.25 करोड़ रुपए) चुकाने होंगे। पैसा तय वक्त में ही देना होगा। नहीं तो वायरस ईमेल के जरिए और फैल जाएगा।
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