मंथन न्यूज चुनाव आयोग ने अपने तीन साल चुनाव नहीं लड़ने का अपने निर्णय में कहा है ऐसा मेरे अधिवक्ता द्वारा बताया गया है। मैं दो बातें स्पष्ट करना चाहता हूँ। एक तो यह पेड न्यूज से संबंधित मामला है। मीडिया में पैसे देकर समाचार छपवाए जाएं उसे पेड न्यूज कहते हैं, अंग्रेजी में। कहीं भी इसका जिक्र नहीं किया है। न ही कोई फरियादी ने एक भी सबूत दिया है, न चुनाव आयोग ने निर्णय में यह कहा है। वर्ष 2008 का मामला है न कि इस चुनाव का। उसके बाद मैंने नया जनादेश भी ले लिया है। जहाँ तक वर्तमान की सदस्यता वाली बात है और वर्तमान के किसी पद के बारे में कोई भी निर्णय, हम चुनाव आयोग का सम्मान करते हैं। सारी वैधानिक संस्थाओं का भी सम्मान करते हैं। हम इसको लेकर हाईकोर्ट में जाएंगे। पूरी उम्मीद है कि न्याय मिलेगा। अगर कांग्रेस के कहने से लोग इस्तीफा देने लगे तो रोज चुनाव मध्यप्रदेश में होंगे।
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