चुनाव से पहले हटाए जाएंगे भिंड, शिवपुरी व अशोकनगर,कलेक्टर और एक पुलिस अधीक्षक

chunav ayog 2018330 75318 29 03 2018पूनम पुरोहित मंथन न्यूज़ भोपाल -साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तीन कलेक्टर और एक पुलिस अधीक्षक को हटाया जाएगा। इसमें भिंड, शिवपुरी व अशोकनगर कलेक्टर और भिंड पुलिस अधीक्षक शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग ऐसे किसी भी अधिकारी को चुनाव के समय पदस्थ नहीं रखता है, जिसको चुनाव का दौरान हटाया गया हो या जिसके खिलाफ गंभीर शिकायतें हों। वहीं, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी का हाथ बंटाने के लिए आयोग अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भी नियुक्त करवाएगा। इसके लिए सरकार ने दोबारा अधिकारियों के नाम का पैनल भी भेज दिया है।
सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग की ओर से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने सरकार को ऐसे अधिकारियों को हटाने के लिए कहा है, जिन्होंने 2013 का विधानसभा चुनाव पीठासीन अधिकारी सहित अन्य भूमिकाओं में रहते हुए कराया था। इसके मद्देनजर एसडीएम और पुलिस अधिकारियों की सूचियां भी तैयार होने लगी हैं।
साथ ही उन अधिकारियों को भी हटाया जाएगा, जो विवादित रहे हैं या जिन्हें चुनाव आयोग ने बीच चुनाव प्रक्रिया में हटाया हो। इसमें प्रदेश में दो कलेक्टर भिंड के इलैया राजा टी. व अशोकनगर के बाबूसिंह जामोद और भिंड के पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह शामिल है।
इसके अलावा शिवपुरी कलेक्टर तरुण राठी मतदाता सूची में गड़बड़ी और शिवराज कैबिनेट की वरिष्ठ मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया द्वारा चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन मामले में गुमराह करने वाली रिपोर्ट को लेकर आयोग के निशाने पर हैं।
कोलारस विधानसभा उपचुनाव के समय आचार संहिता के मामले में उन्होंने सिंधिया को क्लीनचिट दी थी, लेकिन सीईओ कार्यालय ने घटना को आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी थी। इस पर यशोधरा राजे सिंधिया के खिलाफ चुनाव आयोग ने आदेश भी पारित किया है। बताया जा रहा है कि इन अधिकारियों को विधानसभा चुनाव से पहले आयोग हटा सकता है।
राठी ने भेजा आयोग को जवाब
उधर, कोलारस विधानसभा उपचुनाव की मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर शिवपुरी कलेक्टर तरुण राठी ने आयोग को जवाब भेज दिया है। सूत्रों का कहना है कि जवाब में मतदाता सूची की त्रुटि के लिए निचले अमले को दोषी ठहराया गया है, क्योंकि मतदाता सूची का काम बूथ लेवल ऑफिसर करते हैं और एसडीएम के स्तर पर उसकी पुष्टि की जाती है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में अंतिम निर्णय आयोग ही करेगा।
मतदाता सूची सुधरवाएंगे अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी
सूत्रों का कहना है कि चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में सुधार का काम कराने के लिए सरकार से एक सचिव स्तरीय अधिकारी की मांग की है। इसके मद्देनजर सामान्य प्रशासन विभाग ने तीन अधिकारियों की सूची बनाकर भेजी थी, जिसे आयोग ने वापस लौटा दिया। इसके बाद पिछले सप्ताह दोबारा सूची भेजी गई है। बताया जा रहा है कि अगले माह तक आयोग में सचिव स्तरीय अधिकारी की पदस्थापना हो जाएगी।
आमतौर पर हटाता है आयोग
संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एसएस बंसल ने बताया कि आमतौर पर आयोग चुनाव के समय ऐसे अधिकारियों को मैदानी पदस्थापना में नहीं रखता है, जिन्हें पूर्व में हटाया जा चुका है। शिकवा-शिकायतों को भी गंभीरता से लिया जाता है, क्योंकि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना आयोग की पहली प्राथमिकता होती है। ऐसे सभी मामलों में अंतिम निर्णय चुनाव आयोग के स्तर पर ही होते हैं।