
एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि एमी एडमिन सॉफ्टवेर के जरिए सॉल्वर गैंग कंप्यूटर को रिमोट पर लेकर ऑनलाइन पेपर हल करवाता था. इसके अलावा गैंग के पास से कुछ मैन्युअल पेपर भी मिले हैं जो अभ्यर्थियों को एक घंटे पहले उपलब्ध कराये जाते थे.
एसटीएफ जूनियर इंजीनियर भर्ती परीक्षा कराने वाली एजेंसी अप्टेक के कोह्क्ले दावों की भी जांच कर रही है, जिसका फायदा सॉल्वर गैंग ने उठाया.
11 फ़रवरी को आयोजित हुई परीक्षा में धांधली की लिखित शिकायत 26 हजार अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी थी.
जांच के दौरान एसटीएफ ने इलेक्ट्रॉनिक डाटा से संदिग्ध अभ्यर्थियों को अलग कर उनसे पूछताछ शुरू की. पूछताछ के दौरंपता चला कि सिर्फ यूपीपीसीएल की ओर से आयोजित परीक्षा में ही नहीं बल्कि सहायक समीक्षा अधिकारी अपर निजी सचिव के पदों पर हुई भर्ती में भी धांधली हुई है.
आईजी एसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक सभी भर्ती परीक्षाओं में धांधली केंद्र प्रबंधक की मिलीभगत से की गई. लैब के कंप्यूटर को हैक कर उनका रिमोट पर एक्सेस दिया गया. यानी केंद्र पर परीक्षा दे रहा अभ्यर्थी ओरिजिनल था, लेकिन उसके कंप्यूटर रिमोट पर एक्सेस हो रहा था.
आईजी एसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक सभी भर्ती परीक्षाओं में धांधली केंद्र प्रबंधक की मिलीभगत से की गई. लैब के कंप्यूटर को हैक कर उनका रिमोट पर एक्सेस दिया गया. यानी केंद्र पर परीक्षा दे रहा अभ्यर्थी ओरिजिनल था, लेकिन उसके कंप्यूटर रिमोट पर एक्सेस हो रहा था.
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