मंथन न्यूज़ -क्षा विभाग के सत्र 2018-19 से विभाग में एक बड़ा बदलाव जल्द होने वाला है इसकी प्रक्रिया पिछले साल जून से ही प्रारंभ हो गई थी। जब शिक्षा मंत्री ने राज्य शिक्षा केन्द्र को लोक शिक्षण संचालनालय के अधीन लाने का प्रस्ताव किया था। अब इस मामले मंें सैद्वांतिक फैसला हो गया है। विभागीय मंत्री के प्रस्ताव पर डीपीआई ने डीपीसी का पद को जल्द खत्म कर उसे डीईओ के अधीन लाने का प्रारूप बना लिया है। अब डीपीसी बतौर सहायक संचालक डीईओ कार्यलय में बैठकर जिला शिक्षा अधिकारी के अधीन काम करेंगे। इसके आलावा कक्षा 1 से कक्षा 8 वीं तक चलने बाले सर्व शिक्षा अभियान एवं 9 वीं से 10 वीं तक माध्यमिक शिक्षा अभियान के काम काज को अब एक ही छत के नीचे लाया जायेगा। कुल मिलाकर कक्षा 1 से 12 वीं कक्षा तक की परीक्षा से लेकर अन्य सभी काम जिला शिक्षा अधिकारी ही कराएंगे।
अभी तक राज्य शिक्षा केन्द्र के तहत प्राईमरी एवं मिडिल स्कूलों में स्कूल चलो अभियान, सर्व शिक्षा अभियान, आरटीई के तहत एडमिशन जैसे काम होते हैं। इन सभी कामों की मॉनीटरिंग डीपीसी के द्वारा होती थी। डीपीआई शिक्षा विभाग की प्रशासनिक व्यवस्था संभालता है। जिलों में डीपीआई का प्रतिनिधित्व जिला शिक्षा अधिकारी करते हैं। डीपीआई शिक्षा विभाग की प्रशासनिक व्यवस्था संभालता है।
अब स्कूलों में पढ़ाएंगे जन शिक्षक
बदली व्यवस्था के लागू होने पर स्कूलों की मान्यता से लेकर स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति चेक करने के लिए जन शिक्षकों की जरूरत नहीं होगी। अभी तक कई जनशिक्षक डीपीसी एवं डीईओ दफतरों में डाक लाने ले जाने का ही काम करते नजर हैं। अब इन्हें स्कूलों ंमें पढ़ाने जाना होगा। जिससे शिक्षकों की कमी भी दूर होगी। शासन का दो दो दफतरों पर किया जाने बाला खर्च और समय भी बचेगा। यहां बता दें कि पिछले दो दशकों में शासन प्राथमिक शिक्षा पर राज्य शिक्षा केन्द्र के जरिए करीब 45000 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है। नई व्यवस्था में डीपीसी आरटीई कार्यलय में सहायक संचालक बन जाएंगे। वह पहले की तरह अपना काम करते रहेंगे। लेकिन रिपोर्ट अब डीईओ को देना होगी। इससे काम काज का सरलीकरण होगा।
इनका कहना है
कक्षा 1 से 8 वीं तक चलने बाले सर्व शिक्षा अभियान और 9 वीं से दसवीं तक के माध्यमिक शिक्षा अभियान का एकीकरण किया जा रहा है। एकदम से राज्य शिक्षा केन्द्र और लोक शिक्षण संचालनालय का विलय नहीं होगा। मगर डीपीसी के काम जरूर डीईओ दफतर से संचालित होंगे।
अमिताभ अनुरागी, आरएसके प्रवक्ता भोपाल
Post a Comment