आर्थिक अपराध को अंजाम देकर भागने वालों के खिलाफ विधेयक को मंजूरी

पूनम पुरोहित मंथन न्यूज़ दिल्ली -हजारों करोड़ रुपये लेकर देश से भागने वाले विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे लोगों से निपटने के लिए  मोदी  केबिनेट  ने 'भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल 2018' को मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली  ने गुरुवार को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि इसकी मदद से अपराध कर के विदेश भागने वालों को अदालत में दोषी ठहराए बिना भी उनकी संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इस बिल को बजट सत्र के दूसरे चरण में पेश किया जा सकता है, जो 5 मार्च से शुरू होने वाला है। उन्होंने साफ किया कि देश में लूट को अंजाम देकर भागने और कानून का मजाक बनाने की इजाजात नहीं दी जा सकती है।                                      View image on Twitter
सरकार ने बजट 2017-18 में घोषणा की थी कि आर्थिक अपराध को अंजाम देकर भागने वाले लोगों की संपत्ति जब्त करने के लिए सरकार एक कानून लाएगी। पिछले कई महीनों से इसका ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा था। इस विधेयक में ऐसे प्रावधान किए गए हैं जो कि उन आर्थिक अपराधियों पर लागू होंगे जो विदेश भाग गए और भारत लौटने से इनकार करते हैं। 

यह प्रावधान 100 करोड़ रुपये से अधिक की बकाया राशि अथवा बैंक कर्ज की वापसी नहीं करने वालों, जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले कर्जदारों और जिनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है उन पर लागू होगा। विधेयक में यह भी प्रावधान है कि ऐसे भगोड़े आर्थिक अपराधी की संपत्ति को उसके दोषी ठहराये जाने से पहले ही जब्त किया जा सकेगा और उसे बेचकर कर्ज देने वाले बैंक का कर्ज चुकाया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि इस तरह के आर्थिक अपराधियों के मामले की सुनवाई मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत होगी। 

वित्त मंत्री ने बताया कि इसमें विदेशों में मौजूद संपत्ति को जब्त करने का भी प्रावधान किया गया है हालांकि इसके लिए संबंधित देश के सहयोग की भी जरूरत होगी। इसके अलावा कैबिनेट ने नैशनल फाइनैंशल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) के गठन को भी मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्री ने बताया कि NFRA इंडिपेंडेंट रेग्युलेटर के रूप में काम करेगा। 

जेटली ने कहा कि सेक्शन 132 के तहत चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और उनके फर्म की जांच को लेकर NFRA का कार्यक्षेत्र सूचीबद्ध और बड़ी गैर-सूचीबद्ध कंपनियों पर लागू होगा।