दावे के साथ कह सकती हूं कि बीजेपी हार जाएगी अगर 2019 का लोकसभा चुनाव बैलट पेपर से कराएं तो - मायावती

Image result for मायावती ke pic मंथन न्यूज़  -  यूपी निकाय चुनाव नतीजों पर मायावती ने कहा कि बीजेपी ने सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया, नहीं तो बीएसपी के और मेयर जीतते। अगर 2019 का लोकसभा चुनाव बैलट पेपर से कराएं तो दावे के साथ कह सकती हूं कि बीजेपी हार जाएगी। वहीं, सपा नेता आजम खान ने कहा कि चुनाव में कोई टेम्परिंग नहीं हुई। जहां ईवीएम थी बीजेपी जीती और जहां बैलट पेपर से वोट डाले गए सपा की जीत हुई। शुक्रवार को निकाय चुनाव के नतीजे आए थे। यूपी के 16 नगर निगमों में हुए चुनाव में बीजेपी को 14 और दो सीटों पर बीएसपी को जीत मिली। इससे पहले 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीएसपी का खाता नहीं खुला था, जबकि विधानसभा चुनाव में उसे सिर्फ 19 सीट मिली थीं  मायावती ने कहा, "अगर बीजेपी ईमानदार है और उसका लोकतंत्र में भरोसा है तो उसे ईवीएम खत्म कर बैलट पेपर से चुनाव कराना चाहिए। अगर बीजेपी को लगता है कि लोग उसके साथ हैं तो उसे बैलट पेपर को लागू करना चाहिए। मैं दावा कर सकती हूं कि अगर बैलट पेपर का इस्तेमाल किया गया तो बीजेपी सत्ता में नहीं आएगी।" 
- सपा से गठबंधन के सवाल पर मायावती ने कहा, "हमारी पार्टी सर्व समाज से गठबंधन करना चाहती है। उसमें हर जाति की बात हो। आदिवासियों, पिछड़ों, दलित सभी समाज के लोगों की बात हो।"
- शनिवार को बीएसपी सुप्रीमो बौद्ध भिक्षु डॉ. प्रज्ञानंद को श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ. भीमराव अंबेडकर को बौद्ध धर्म की दीक्षा देने वाले प्रज्ञानंद का हाल ही में निधन हो गया था।
30 नवंबर को हुआ था निधन- 30 नवंबर को बौद्ध भिक्षु प्रज्ञानंद का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। वह 90 वर्ष के थे। 26 नवंबर को उनको गंभीर हालत में लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के भर्ती कराया गया था।
कौन थे भिक्षु प्रज्ञानंद
-बौद्ध भिक्षु प्रज्ञानंद का जन्म श्रीलंका में हुआ था। 1942 में डॉ प्रज्ञानंद भारत आ गए थे। प्रज्ञानन्द ने 14 अप्रैल, 1956 को नागपुर में सात भिक्षुओं के साथ डॉ. भीम राव अम्बेडकर को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी थी।
हिन्दू धर्म छोड़ बौद्ध की शरण में गए थे बाबा साहेब
-बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने हिंदू धर्म को छोड़कर बौद्ध धर्म स्वीकार किया था। 1950 से 1956 के बीच उन पर कुछ बौद्ध भिक्षुओं का प्रभाव पड़ा और उन्होंने 14 अक्टूबर, 1956 को नागपुर में अपनी पत्नी के साथ बौद्ध धर्म को अंगीकार कर लिया था