जब-जब ब्राह्मण बोला है राज सिंहासन डोला है

मंथन न्युज भोपाल-नियमों में बदलाव के चलते कुछ समय पहले दलित संगठन द्वारा भारत बंद किया गया था। जिसका असर देश के हिस्सों सहित मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भी था।
दलित संगठन के विरोध प्रदर्शन के बाद, दलित संगठनों का विरोध करने हेतू सवर्णो द्वारा पुन: भारत बंद किया था। जिसका उदेश्य था आरक्षण खत्म करना। पर, आरक्षण का मुद्दा इतना संवेदनशील है जिस पर सरकार कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।


जिसके चलते ब्राह्मण समाज ने "जब-जब ब्राहण डोला है, राज सिहांसन डोला है" जैसे नारों के साथ परशुराम जयंती के अवसर पर आरक्षण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन का मुख्य उदेश्य
ब्राह्मण समाज द्वारा प्रदर्शन का मुख्य उदेश्य देश में चल रही आरक्षण व्यव्स्था को खत्म कर, सभी को समान अवसर प्राप्त करवाना है। उनका मकसब दलित या सवर्ण नहीेेें बल्कि आरक्षण के पीछे छिपे प्रतिभा को बाहर लाना है।

जो सवर्ण आरक्षण के चलते अपनी प्रतिभा नहीं दिखा पाते। उन्हें अवसर प्रदान किया जाएं।

आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग
ब्राह्मण संगठन ने विरोध प्रदर्शन में यह कहा कि आरक्षण जाति के आधार पर न होकर आर्थिक आधार पर होना चाहिए। क्योंकि सभी सवर्ण अमीर नहीं है।

कुछ सवर्ण ऐसे भी है, जो आर्थिक आधार पर ठीक नहीं है। पर, आरक्षण के चलते वे आगे नहीं आ पा रहे हैं।

प्रदर्शन में दिया देश बचाओं का नारा
ब्राह्मणों का कहना था कि आरक्षण की वजह से देश पिछड़ रहा है। अगर, देश को बचाना है तो देश से आरक्षण व्यवस्था को हटाना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो देश की प्रतिभा देश के सामने नहीं आ पाएंगी और देश पिछड़ जाएगा।कि आरक्षण का आधार आर्थिक होना चाहिए। सवर्ण वर्ग में भी कई लोग ऐसे हैं जिन्हें आरक्षण की जरूरत है। समाज के युवाओं ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण को समाप्त किया जाना चाहिए। केंद्र हो या राज्य सरकार सभी ने सवर्ण समाज की अनदेखी की है। अगर सरकार सवर्णों की मांगों पर ध्यान नहीं देती तो उसे चुनाव में इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा। समाज के युवाओं का कहना था कि जैसे प्रधानमंत्री एलपीजी सब्सिडी त्यागने की अपील करते हैं, वैसे ही आरक्षण छोड़ने की अपील क्यों नहीं करते। ब्राह्मण युवाओं ने केंद्र सरकार से आरक्षण पर एक समीक्षा बैठक बुलाने की मांग की है।

सरकार से की मांग
प्रदर्शन में संगठन के लोगों ने सरकार से आरक्षण व्यवस्था को खत्म करने की मांग की है। साथ ही आर्थिक आधार पर आरक्षण व्यवस्था को लागू करने को कहा है। जिससे सभी को उनका हक मिल सकें।