
सूत्रों का कहना है कि किसानों की मांग को देखते हुए सरकार ने भले ही खरीफ सीजन में लिए कर्ज को चुकाने की अंतिम तारीख 28 मार्च से बढ़ाकर 27 अप्रैल कर दी हो पर इससे सहकारी बैंकों की व्यवस्था प्रभावित हो रही है। इसे देखते हुए सहकारिता विभाग ने कर्ज अदायगी पर दोबारा कर्ज में सामग्री तुरंत और नकदी एक मई के बाद देने का प्रावधान कर दिया।
किसानों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई। दरअसल, किसान शून्य प्रतिशत ब्याज पर बतौर कर्ज मिलने वाली नकदी का इस्तेमाल खेती के कामों के अलावा अपने व्यक्तिगत कामों में भी करते हैं। समय पर कर्ज चुकाने के बाद नकदी के लिए एक मई तक का इंतजार करने की व्यवस्था के खिलाफ हो रहे किसानों को देखते हुए विभाग ने गुरुवार को अपना फैसला बदल दिया। अब कर्ज चुकाने के दूसरे दिन ही किसान पात्रता के हिसाब से नकदी भी कर्ज में ले सकेंगे।
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