भोपाल
भाजपा ने प्रदेश की ६१ सीटों पर खास फोकस किया है। पार्टी इन सीटों पर पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर आई थी। इनमें से अधिकांश ऐसी सीटें हैं जो पहले भाजपा के पास थीं, लेकिन २०१३ में हार गई थी। भाजपा ने अब इन सीटों की जिम्मेदारी उसी क्षेत्र के मंत्रियों को सौंपी जा रही है। कांग्रेस के गढ़ों पर खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान का फोकस है। इस विशेष प्लान की मॉनिटरिंग संगठन महामंत्री सुहास भगत करेंगे। इन ६१ सीटों में से भाजपा ५७ कांग्रेस से, २ बसपा से और २ सीट निर्दलीय उम्मीदवारों से हारी थी।
- किस क्षेत्र की कितनी सीटें
महाकौशल : पुष्पराजगढ़, पाटन, जबलपुर पश्चिम, डिंडौरी, मंडला, बैहर, लांजी, परसवाड़ा, सिवनी, केवलारी, लखनादौन और अमरवाड़ा। इनका जिम्मा गौरीशंकर बिसेन, ओमप्रकाश धुर्वे, शरद जैन और जालम सिंह पटेल को दिया है।
ग्वालियर चंबल : विजयपुर, अंबाह, अटेर, लहार, भितरवार, डबरा, करैरा, पिछोर, कोलारस, बामोरी, राधौगढ़, चंदेरी और मुंगावली। इनका जिम्मा नरोत्तम मिश्रा, जयभान सिंह पवैया, माया सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया और रुस्तम सिंह को दिया है।
विंध्य : चित्रकूट, रैगांव, नागौद, अमरपाटन, मउगंज, मनगवां, गुढ़, चुरहट, सिहावल, चितरंगी, ब्यौहारी और कोतमा। इनकी जीत का जिम्मा राजेंद्र शुक्ल, कुसुम सिंह मेहदेले और संजय पाठक को दिया है।
मालवा-निमाड़ : भीकनगांव, कसरावद, भगवानपुरा, राजपुर, बड़वानी, गंधवानी, कुक्षी, राउ और सुवासरा। इनका जिम्मा अर्चना चिटनीस, विजय शाह, पारस जैन, दीपक जोशी को दिया है।
मध्य भारत - हरदा, बासौदा, सिरोंज, भोपाल उत्तर, इछावर, सीहोर और नरसिंहगढ़। इनकी जीत का जिम्मा उमाशंकर गुप्ता, गौरीशंकर शेजवार, रामपाल सिंह, सूर्यप्रकाश मीना और विश्वास सारंग को दिया है।
बुंदेलखंड - देवरी, जतारा, खरगापुर, राजनगर, जबेरा और पवई। इनका जिम्मा गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंहऔर जयंत मलैया को दिया है।
- कांग्रेस किले निशाने पर
कांग्रेस की परंपरागत विधानसभा सीटें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की रडार पर हैं। इन सीटों में चुरहट, राधौगढ़, लहार, पिछौर, विजयपुर, डबरा, केवलारी, कसरावद, गंधवानी, कुक्षी, जबेरा, चित्रकूट, अटेर, भोपाल उत्तर, पवई, राजनगर, मुंगावली और कोलारस शामिल हैं।
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