
- पॉक्सो एक्ट का पूरा नाम है - द प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस एक्ट (POCSO) यानी लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम।
- 18 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ किसी भी तरह का शारीरिक अपराध POCSO एक्ट के दायरे में आ जाता है। यहां लड़के और लड़कियों को समान रूप से सुरक्षा प्रदान की गई है। पॉक्सो एक्ट वाले मामलों की सुनवाई विशेष अदालत में ही होती है।
- पॉक्सो एक्ट की धारा 4 सबसे अहम मानी जाती है। इसके तहत वे मामले आते हैं जिनमें बच्चे के साथ दुष्कर्म किया गया हो। आरोप साबित होने पर पहले 7 साल सजा से लेकर उम्रकैद तक का प्रावधान था, जिसे बदलकर अब मौत की सजा तक बढ़ा दिया गया है।
- वहीं पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत ऐसे मामले आते हैं, जिनमें बच्चों को रेप के बाद गंभीर चोट पहुंचाई गई हो। इसमें 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
- इसी तरह, बच्चों के गुप्तांग से छेड़छाड़ के मामले इस एक्ट की धारा 7 और 8 के तहत देखे जाते हैं। यहां आरोप साबित होने पर 5 से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।
लड़की का हाथ पकड़ने पर भी हो सकती है जेल
पॉक्सो एक्ट से जुड़ा एक रोचक मामला मई 2017 में सामने आया था। मुंबई की स्पेशल पोक्सो एक्ट कोर्ट ने कहा था कि सार्वजनिक रूप से लड़की का हाथ पकड़कर इसे आय लव यू कहना आपको काफी महंगा पड़ सकता है क्योंकि इसे छात्रा के साथ छेड़छाड़ के रूप में देखा जाएगा।
ऐसे ही एक मामले में युवक को एक साल की सजा सुनाते वक्त डिंडोसी की अदालत ने यह बात कही थी। युवक पर आरोप था कि उसने 2015 में एक 16 साल की लड़की के साथ गलत हरकत की थी।
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