मंथन न्यूज़ लखनऊ -चेयरमैन के इस्तीफे के 10 महीने बाद आखिकार उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन सोमवार को योगी सरकार ने कर दिया. चेयरमैन समेत 6 सदस्यों की योगी सरकार ने नियुक्ति का एलान किया है. रिटायर आईएएस चंद्रभूषण पालीवाल यूपीएसएसएससी के नए चेयरमैन होंगे.
आयोग में नियुक्तियों के साथ ही योगी सरकार ने समूह ‘ग’ और ‘घ’ की भर्तियों का रास्ता भी खोल दिया है. 200 से ज्यादा अध्यक्ष के पदों के आवेदन में से राज्य सरकार ने रिटायर आईएएस चंद्रभूषण पालीवाल को चेयरमैन, एचएन राव, डॉ सीमा रानी, डॉ ओंकार प्रसाद मिश्रा, आईएएस अरुण सिन्हा और डॉ अशोक अग्रवाल को सदस्य नियुक्त किया है
आयोग में नियुक्तियों के साथ ही योगी सरकार ने समूह ‘ग’ और ‘घ’ की भर्तियों का रास्ता भी खोल दिया है. 200 से ज्यादा अध्यक्ष के पदों के आवेदन में से राज्य सरकार ने रिटायर आईएएस चंद्रभूषण पालीवाल को चेयरमैन, एचएन राव, डॉ सीमा रानी, डॉ ओंकार प्रसाद मिश्रा, आईएएस अरुण सिन्हा और डॉ अशोक अग्रवाल को सदस्य नियुक्त किया है
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यूपी में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से ही चेयरमैन समेत कई सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया था. इन सबके बीच योगी सरकार ने अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यानी यूपीएसएसएससी की भर्तियों की सतर्कता विभाग से जांच कराने का फैसला भी किया था. अखिलेश सरकार के दौर में हुई करीब 18 हजार भर्तियां की अब विजलेंस जांच जारी है.
18000 भर्तियों के अलावा 15 हजार पदों के लिए इंटरव्यू प्रक्रिया चल रही थी, जिसे रोक दिया गया था.
यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सूत्रों के अनुसार आयोग ने समूह 'ग' के करीब 40 हजार पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाले थे. इनमें से करीब 18 हजार का चयन किया गया था. नई सरकार आने के समय आयोग में करीब 15 हजार पदों के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया चल रही थी. जिन्हें रोक दिया गया था. नए पैनल के गठन के बाद योगी सरकार ने जहां राज्य में नई भर्तियों के लिए रास्ता खोल दिया है, वहीं उम्मीद है कि विभिन्न पदों पर 15000 लंबित भर्तियां भी जल्द ही अपने अंजाम तक पहुंच पाएंगी.

यूपी में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से ही चेयरमैन समेत कई सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया था. इन सबके बीच योगी सरकार ने अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यानी यूपीएसएसएससी की भर्तियों की सतर्कता विभाग से जांच कराने का फैसला भी किया था. अखिलेश सरकार के दौर में हुई करीब 18 हजार भर्तियां की अब विजलेंस जांच जारी है.
18000 भर्तियों के अलावा 15 हजार पदों के लिए इंटरव्यू प्रक्रिया चल रही थी, जिसे रोक दिया गया था.
यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सूत्रों के अनुसार आयोग ने समूह 'ग' के करीब 40 हजार पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाले थे. इनमें से करीब 18 हजार का चयन किया गया था. नई सरकार आने के समय आयोग में करीब 15 हजार पदों के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया चल रही थी. जिन्हें रोक दिया गया था. नए पैनल के गठन के बाद योगी सरकार ने जहां राज्य में नई भर्तियों के लिए रास्ता खोल दिया है, वहीं उम्मीद है कि विभिन्न पदों पर 15000 लंबित भर्तियां भी जल्द ही अपने अंजाम तक पहुंच पाएंगी.
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