
विभाग दो साल से ई-अटेंडेंस व्यवस्था लागू करने की कोशिश कर रहा है। इस बार विभागीय मंत्री विजय शाह सख्त थे। विभाग की समीक्षा बैठक में मंत्री ने नए शैक्षणिक सत्र (दो अप्रैल) से इसे अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश दिए थे।
इसके बाद विभाग ने ताबड़तोड़ कार्यवाही की और इसे लेकर हाईकोर्ट की सभी बेंच में कैविएट भी दायर की। उधर, अध्यापक और शिक्षक इसके खिलाफ खुलकर आ गए थे। इसे लेकर आंदोलन की तैयारी हो गई थी। राज्य कर्मचारी कल्याण परिषद के अध्यक्ष रमेशचंद्र शर्मा ने यह बात जब मुख्यमंत्री को बताई तो सीएम ने रविवार को इसकी घोषणा कर दी। 'नवदुनिया" ने रविवार के अंक में इसकी संभावना भी जताई थी।
ई-अटेंडेंस लागू करने का कारण
विभाग ई-अटेंडेंस खासकर अध्यापकों को लेकर लागू करना चाहता है। विभाग के मुताबिक प्रदेश में 45 फीसदी से अधिक अध्यापक नियमित रूप से स्कूल नहीं जा रहे हैं। मैदानी रिपोर्ट आने के बाद से ही विभाग ई-अटेंडेंस लागू करने की कोशिशों में जुटा है, लेकिन अध्यापकों के विरोध के चलते सफल नहीं हो पा रहा।
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