
क्षेत्रीय लोगों को ठहराने के लिए अब 50 बिस्तर की व्यवस्था बनाई गई है। इसके लिए बंगले में उन्होंने अपने पास एक कमरा, एक हॉल और एक ऑफिस रूम रखा है। मरीज और उनके परिजनों को अस्पताल आने-जाने के लिए दो वाहन और चार सेवक भी 24 घंटे तैनात रहेंगे। नई व्यवस्था दो-तीन दिन में शुरू होगी। भार्गव के इस कदम को इस साल के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव की जमावट से जोड़कर देखा जा रहा है।
ऐसी रहेगी घर में व्यवस्था
- शरबती गेहूं की रोटी, गाडरवाड़ा की अरहर दाल फ्राई, बासमती चावल, मटर व पालक पनीर, मलाई कोफ्ता, मिक्स वेज, हरी सब्जियां, सलाद, अचार और पापड़।
- 50 बिस्तर की व्यवस्था बनाई गई क्षेत्रीय लोगों को ठहराने के लिए
- मदद के लिए दो वाहन और चार सेवक भी 24 घंटे तैनात रहेंगे
- अपने पास एक कमरा, एक हॉल और एक ऑफिस रूम रखा है
इसलिए आया विचार और कर दिया इंतजाम
भार्गव के मुताबिक संपन्न् लोग तो अपना इंतजाम कर लेते हैं पर आर्थिक रूप से गरीबों को शहर में इलाज कराने पर काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार परिजन भोजन के लिए पैसे मांगते थे तो कई बार अस्पताल आने-जाने वाहन का इंतजाम करने की मांग करते थे। इसे देखते हुए विचार आया कि जब हम सुबह नाश्ता और दो वक्त की चाय देते हैं तो स्वादिष्ट भोजन का इंतजाम भी किया जा सकता है। इसके लिए दो रसोईए रखे गए हैं। इन्हें छह-छह हजार रुपए महीना दिया जाएगा। इसके साथ नाई की व्यवस्था भी रहेगी। खाने के अलावा सुबह नहाने के लिए साबुन, शैंपू, दंत मंजन, टूथपेस्ट की व्यवस्था भी रहेगी। इसकी जानकारी देने के लिए बाकायदा क्षेत्र में पर्चे भी बांटे गए हैं। इसमें बंगले पर रहने वाले चार सेवक रामभुवन अवस्थी, राहुल सिंह राजपूत,
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