
दरअसल, एमपी एसटीएफ ने 2013 में इस कॉलेज पर शिकंजा कसा था. एसटीएफ ने बीडीएस परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारी सचिन जैन, पूर्व प्रिंसिपल विनय कुमार और अकाउंटेंट बसंत वर्मा को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि कॉलेज के जिम्मेदारों ने आंसरशीट में अंकों में हेराफेरी कर परीक्षार्थियों को पास कराया था.
बताया जा रहा है कि बीयू से 700 कॉपियां मूल्यांकनकर्ता प्रोफेसरों के नाम इश्यू कराईं थीं. इश्यू की गई 700 कॉपियां मूल्यांकनकर्ताओं के पास नहीं पहुंचीं और फर्जी तरीके से जांचने के बाद सभी कॉपियां को सीधे बीयू में जमा करा दिया गया. आंसरशीट में की गई हेराफेरी की वजह से एसटीएफ ने एफआईआर दर्ज की थी. इस विवादित डेंटल कॉलेज में 'कॉफी विद सीएम' का कार्यक्रम होना है.
युवा मोर्चा के कार्यक्रम 'सीएम विद कॉफी' के आयोजन स्थल को लेकर उठे सवालों पर अब सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस की वरिष्ठ नेता विभा पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी हमेशा से भ्रष्टाचारियों का साथ देती आई है. यही वजह है कि उसकी ओर से ऐसे आयोजन स्थल को चुना गया है जो बीडीएस घोटाले से जुड़ा हुआ है.
वहीं दूसरी तरफ बीजेपी प्रवक्ता लोकेंद्र पाराशर ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि विपक्ष को कार्यक्रम स्थल के बजाए उसके पीछे के मकसद को देखना चाहिए.
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