
राजस्थान के कोटा शहर में रविवार को किरार महासभा का 11वां राष्ट्रीय महाअधिवेशन आयोजित किया गया. इस महाअधिवेशन में शिवराज सिंह चौहान के अलावा राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधराराजे सिंधिया भी मौजूद थीं.
अधिवेशन खत्म होने के बाद महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. गुलाब सिंह किरार ने साधना सिंह के नाम का प्रस्ताव रखा था. साधना सिंह के अध्यक्ष बनने की मांग उठने के बाद हंगामा शुरू हो गया. विरोधी धड़े ने इस प्रस्ताव का विरोध किया. हंगामा इतना बढ़ा कि पुलिस को विरोध कर रहे लोगों को खदेड़ने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा. हालांकि, साधना सिंह के नाम का प्रस्ताव रखे जाने के पहले राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधराराजे सिंधिया कार्यक्रम स्थल से जा चुकी थीं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संघर्ष किए बिना कभी सफलता नहीं मिलती. समाज, प्रदेश, देश में भागीदारी के साथ जिस क्षेत्र में कार्यरत हैं उसमें कड़ी मेहनत के साथ आगे बढें. सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए शिक्षित एवं जागरूक होना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि सभी समाजों के आपसी समन्वय से आगे बढते हुए इस प्रकार की रूपरेखा तैयार करें कि सभी वर्गों का एक साथ विकास हो सके.
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी, कन्यादान योजना जैसी महिला सशक्तिकरण की योजनाओं से समाज में बदलाव आया है.
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी, कन्यादान योजना जैसी महिला सशक्तिकरण की योजनाओं से समाज में बदलाव आया है.
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